जयपुर। राजस्थान में चार राज्यसभा सीटों के लिए हो रहे चुनाव में एस्सेल और ज़ी मीडिया ग्रुप के चेयरमैन सुभाष चंद्रा भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से निर्दलीय चुनाव मैदान में है । ऐसे में सुभाष चंद्रा के चुनाव मैदान में आने से कांग्रेस पार्टी की परेशानियां बढ़ सकती है ।सुभाष चंद्रा वर्तमान में हरियाणा से राज्यसभा सांसद है और पीएम नरेंद्र मोदी के समर्थक माने जाते हैं।
बीजेपी के समर्थन से भरेंगे पर्चा
राजस्थान में वैसे तो बीजेपी ने घनश्याम तिवारी को ही अधिकृत उम्मीदवार घोषित किया है । लेकिन भारतीय जनता पार्टी विधायकों का समर्थन सुभाष चंद्रा को रहेगा। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से ही सुभाष चंद्र राज्यसभा चुनाव में पर्चा दाखिल करेंगे।
ज़ी मीडिया टीम का मिलेगा फायदा
सुभाष चंद्र जी मीडिया ग्रुप के मालिक है ऐसे में राजस्थान में उनकी लंबी चौड़ी पत्रकारों की फौज है, जिनके विधायकों से भी सीधे संबंध है । पत्रकार भी अपने मालिक को चुनाव जिताने के लिए अपने संबंधों का भरसक प्रयोग करेंगे । सबसे खास बात है कि सुभाष चन्द्रा खजाने का मुंह खोलने में भी पीछे नहीं रहेंगे। इसलिए सुभाष चंद्रा को कांग्रेस पार्टी का हल्के में लेना भारी पड़ सकता है ।
बीजेपी करेगी खुलकर समर्थन
भारतीय जनता पार्टी के विधायकों का समर्थन मिलना तय है ही। अब आरएलपी और बीटीपी के विधायकों का समर्थन भी सुभाष चंद्रा को मिल सकता है। वह एक दो निर्दलीय विधायक भी तोड़ सकते हैं, ऐसी स्थिति में सुभाष चंद्र मुकाबले को रोचक बना सकते हैं। हालांकि कांग्रेस पार्टी के पास 127 विधायकों का समर्थन है ।ऐसे में उनकी तीनों सीटें सुरक्षित मानी जा सकती है। लेकिन सुभाष चंद्रा के मैदान में आने से 127 विधायकों में से अगर दो चार विधायक भी इधर उधर होते हैं तो कांग्रेस का खेल खराब हो सकता है और भारतीय जनता पार्टी में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। सुभाष चंद्रा की टीम तो काम कर ही रही है, साथ में भारतीय जनता पार्टी की टीम भी सुभाष चंद्रा के लिए काम करेगी।
विधायको के बढ़ेंगे भाव
सुभाष चंद्रा के चुनाव मैदान में आने से निर्दलीय ,आरएलपी ,बीटीपी विधायकों के भाव बढ़ेंगे ।अब तक इन विधायकों से कांग्रेस, बीजेपी के बड़े नेताओं ने दूर से ही बात की होगी ।लेकिन जैसे ही सुभाष चंद्र चुनाव मैदान में उतरे हैं अब इन विधायकों के भाव बढ़ गए हैं ।कांग्रेस पार्टी को भी अपने विधायकों की बड़े बंदी करनी पड़ेगी ।इसमें समर्थन दे रहे हैं निर्दलीय विधायकों को भी बाड़ेबन्धी करनी पड़ेगी। इसके साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी को भी अपने विधायकों के साथ साथ सुभाष चंद्रा को समर्थन दे रहे विधायकों को भी कहीं न कहीं पांच सितारा होटल में ठहराना होगा। आवश्यकता पड़ने पर साम, दाम, दंड, भेद भी अपनाना पड़ेगा।