सीवर लाइन में 3 श्रमिकों की मौत पर एलएनटी कंपनी देगी 3-3 लाख रुपये का मुआवजा

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सीवरेज चैंबर की सफाई करते समय जहरीली गैस का रिसाव, 3 मजदूरों की मौत
फतेहपुर की घटना रात 12 बजे तक धरना, मांगों पर बनी सहमति

लोक टुडे न्यूज नेटवर्क
फतेहपुर ।  इलाके में मंगलवार को सीवरेज लाइन के चैंबर की सफाई के दौरान जहरीली गैस की चपेट में आने से तीन श्रमिकों की मौत हो गई। एक श्रमिक के बेहोश होने पर बारी-बारी से दूसरा और तीसरा श्रमिक चैंबर में उतरा। महज पांच मिनट में श्रमिकों की मौत हो गई। हादसे की सूचना पर मौके पर भीड़ जमा हो गई। आक्रोशित परिजनों ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। विधायक हाकम अली और चेयरमैन मुश्ताक नजमी भी धरने पर बैठ गए। परिजन एक करोड़ रुपए मुआवजा, सरकारी नौकरी देने की मांग पर अड़े रहे। देर रात मांगों पर सहमति बन गई।

यह हुआ समझौता

धरने पर  बैठे लोगों और सरकार के बीच बनी सहमति वार्ता में  मृतकों के परिजनों को एलएनटी कंपनी 30 – 30 लाख रुपये का आर्थिक मुआवजा देगी। सरकार ने इसके लिए कंपनी को दोषी मानते हुए ये जुर्माना लगाया है। हालांकि कर्मचारी एक- एक करोड़ रुपये मुआवजे के लिए अड़े हुए थे। लेकिन सरकार ने इस मामले में सीधे कंपनी को ही मुआवजा देने के निर्देश दिए है। आपको बता दे की सुप्रीम कोर्ट ने सीवरेज में मरने पर 30 लाख रुपये और स्थाई रुप से विकलांग होने पर 20 लाख रुपये मुआवजे  देने का निर्णय सुनाया हुआ है। इसके बाद से इस तरह के प्रकरणो में मृतकों के परिजनों को ये ही मुआवजा दिया जाता है।

सरकार दे सकती है परिजनों को नगर परिषद में सफाईकर्मी के पद पर नियुक्ति

सरकार चाहे तो सफाईकर्मचारी के आश्रितों में से पत्नी या बेटे – बेटी को नौकरी भी दे सकती है। हालांकि अभी तक इस पर सरकार ने किसी तरह का आश्वासन नहीं दिया है।

जानकारी के अनुसार शाम सवा चार बजे वार्ड नंबर दो स्थित सरदारपुरा स्टैंड के पास सीवरेज सफाई के लिए एलएनटी की टीम पहुंची। टीम में 5 सफाई कर्मी सहित 8 लोग शामिल थे। एक श्रमिक
मृतक महेंद्र सज्जन मुकेश  20 फीट गहरे चैंबर में सफाई के लिए उतरा । कुछ ही सैकंड में श्रमिक बेहोश हो गया। इस पर बाहर   खड़ा साथी श्रमिक चैंबर में उतरा। दूसरे श्रमिक के बेहोश होने पर उन्हें बचाने के लिए तीसरा श्रमिक मुकेश भी उतर गया। तीनों के बेहोश होने पर क्रेन की मदद से उन्हें बाहर निकाला गया। नगर परिषद और प्रशासनिक अधिकारी भी पहुंच गए। मजदूरों को धानुका अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टर ने तीनों मजदूर महेंद्र (38) पुत्र छोटेलाल, सज्जन (30) पुत्र कैलाश व मुकेश (35) पुत्र नत्थू को मृत घोषित कर दिया। तीनों श्रमिक वार्ड 48 स्थित वाल्मिकी बस्ती के रहने वाले थे।

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