जयपुर
जीवन में उत्कृष्टता के लिए श्रेष्ठ सम्भावनाओं का चयन ज़रूरी है । प्रकृति ने इन्सान को अनन्त सम्भावनाओं से युक्त जीवन दिया है लेकिन इंसान उसे देखने से इनकार कर देता है । सम्भावनाओं को सौभाग्य में बदलना ख़ुद की ज़िम्मेदारी होती है ।”
डॉ. माल्या ने पीपीटी प्रजेंटेशन देते हुए कहा कि इंसान के जीवन की यात्रा बी से डी के बीच तक है । बी का मतलब बर्थ यानी जन्म और डी का मतलब डैथ यानी मृत्यु । बी व डी के बीच सी आता है जिसका मतलब चॉयस है यानी सम्भावनाओं का चयन । इन्सान बेहतरीन सम्भावनाओं का चयन करके जीवन को बहूत ऊँचा ले जा सकता है । यदि प्रत्येक इन्सान का देवत्व जाग जाये तो यह धरती स्वर्ग बन सकती हैं ।
उन्होंने कहा कि जीवन में उत्कृष्टता के लिए उद्देश्य, संकल्प ,उत्सर्ग, उत्थान ज़रूरी है ।यदि हम स्वार्थ के लिए जीवन जीकर इस दुनिया से चले गए तो समझो हमने अपनी सम्भावनाओं को खो दिया ।
डॉ. माल्या ने संकल्प उद्देश्य को जेम्स हैरीसन , कॉर्ल,सुभाषिनी मिस्त्री ,महात्मा गांधी , विवेकानन्द आदि के उदाहरणों द्वारा प्रस्तुत किया ।
इस अवसर पर आयोजित संस्था की मीटिंग में राष्ट्र स्तरीय समर्पण समाज गौरव अवार्ड समारोह को भव्य बनाने के लिए संस्था के सक्रिय सदस्यों की सेवाएँ निर्धारित की गई । मीटिंग का आयोजन वरिष्ठ उपाध्यक्ष सी एल वर्मा की अध्यक्षता में किया गया । इस अवसर पर संस्था सचिव कमल नयन खंडेलवाल , उपाध्यक्ष बनवारी लाल मेहरडा, हीरा लाल बैरवा , कोषाध्यक्ष राम अवतार नागरवाल , संयुक्त सचिव एडवोकेट ओम प्रकाश वर्मा, वस्त्र बैंक प्रभारी शेखर चंदेल , वॉलंटियर प्रभारी मोहन मेहरा , कार्यालय प्रबंधक त्रिलोक माल्या , समाजसेवी संतोष कुमार सहित अनेक सदस्यों ने भाग लिया ।