जयपुर। राजस्थान के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल का विवादों से नाता रहा वे अपने बयानबाजी को लेकर कभी विपक्ष के निशाने पर रहते हैं, तो कभी अपनी ही पार्टी के नेताओं के टारगेट बन जाते हैं । आज भी जयपुर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में जनसुनवाई करने पहुंचे यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को भीलवाड़ा जिले के शाहपुरा नगर पालिका के कांग्रेस पार्षदों के विरोध का सामना करना पड़ा। शाहपुरा नगर पालिका के पार्षद ईओ का तबादला करने और चेयरमैन के भ्रष्टाचार की जांच की मांग को लेकर मंत्री से मिलने पहुंचे थे I लेकिन मंत्री की जवाब को सुनकर पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया जनसुनवाई में उद्योग मंत्री शकुंतला रावत ने सभी पार्षदों से अलग से बात की और मामला शांत करवाया इस दौरान कांग्रेस के पूर्व पार्षद में बातचीत में कहा कि पिछले 1 साल से चेयरमैन के खिलाफ विभागीय जांच पेंडिंग है जबकि इस संबंध में कई बार मंत्री से मिलकर शिकायत कर चुके हैं उन्होंने मंत्री धारीवाल पर सुनवाई नहीं करने का आरोप लगाया और कहा कि चेयरमैन की जांच हो और निलंबित किया जाए साथ ही EO को भी हटाने की मांग की। मीडिया से बातचीत में मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि EO के ट्रांसफर की मांग की गई है ।लेकिन ट्रांसफर पर बैन लगा हुआ है। शकुंतला रावत ने सभी पार्षदों को आश्वस्त किया कि जल्द ही जांच होगी और दोषी पाए जाने पर कार्यवाही होगी । जन सुनवाई के बाद जब मंत्री शांति धारीवाल से राजेंद्र गुढा के बयान को लेकर सवाल किया गया तो धारीवाल यह कह कर बच निकले कि मुझे पता नहीं किसने क्या कहा है । आपको बता दें कि पिछले दिनों कार्यालय में जन सुनवाई के दौरान बसपा से कांग्रेस में आकर मंत्री बने राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा था कि सरकार के मंत्रियों में शांति धारीवाल का एलाइनमेंट गड़बड़ है ,उसे ठीक किया जाएगा । उनके इस बयान पर आज मंत्री धारीवाल ने कोई जवाब नहीं दिया और बच कर निकल गए I
शांति धारीवाल को क्यों करना पड़ा पार्षदों के विरोध का सामना?
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