लोक टुडे न्यूज नेटवर्क
पहली बार ट्रेन के गंगापुर सिटी पहुंचने पर स्टाफ के साथ हुई थी मारपीट
गंगापुर सिटी। ()लोकेश टटवाल नई चली उदयपुर-आगरा कैंट वर्किंग का हल तीन बाद बुधवार को भी नहीं निकला। इसके चलते गुरुवार ट्रेन का वर्किंग विवाद फिर से सामने आया। आगरा में चालकों की चाबी छीन ली ओर गंगापुर सिटी तक , गंगापुर सिटी के लोको पायलट व गार्ड को काम नहीं करने दिया। इसकी सूचना पर ट्रेन आने से पहले ही गंगापुर सिटी में बड़ी संख्या में कर्मचारी व संगठन के नेता एकत्रित हो गए। जीआरपी व आरपीएफ भी मौके पर पहुंचते ही कर्मचारियों ने जोरदार हंगामा किया। इस दौरान लोको पायलट तो आसानी से उतर गए। लेकिन आगरा मंडल का गार्ड ने गेट को बंद कर लिया। और गाली गलौच करने से गुस्साएं कर्मचारियों ने गार्ड के गेट को खोल दियाओर गार्ड के साथ हाथपाई कर दी। जिससे उसकी शर्ट फट गई ओर गार्ड के गेट का शीशा भी चटक गया। इस दौरान लोगों की भीड़ जमा हो गई। जानकारी के अनुसार वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन गुरुवार दोपहर पौने बारह बजे कोटा से गंगापुर सिटी आई। लेकिन तीन दिन तक ट्रेन के वकिग के विवाद को नहीं सुलझाने से गंगापुर सिटी के रंनिग स्टाफ को कोटा से गंगापुर सिटी व आगरा तक लोको पायलट व गार्ड आरपीएफ की सुरक्षा में गए। लेकिन मजे की बात यह है कि आगरा फोर्ट मंडल में पहुंचते ही गंगापुर सिटी के लोको पायलट व गार्ड को ट्रेन से उतार दिया। गंगापुर सिटी का दूसरा क्रू से चाबी को छीन ली। जिससे विवाद ओर बढ़ गया। वंदे भारत एक्स्रपेस ट्रेन जैसे ही गंगापुर सिटी पौने पांच बजे आई तो दोनों ट्रेड यूनियन के पदाधिकारियों ने जमकर नारेवाजी की ओर लोको पायलटों को उतारने के लिए कहा। जिससे दोनों लोको पायलट अरसानी से उतर गए। लेकिन ट्रेन का गार्ड नहीं उतरने से आक्रोशित कर्मचारियों ने गेट को खोला तो गार्ड ने उनसे गाली गालोच कर दी ओर आगरा आने पर जान से मारने की धमकी देने के बाद गार्ड की कमीज पकड़ने से वह फट गई। गा र्ड के डिब्बे का शीशा भी चटक गया। बाद में जीआरपी व आरपीएफ पुलिस ने दोनों पक्षों को शांत कराया गया। हालांकि ऐसी संभावना को देखते हुए प्रशासन पहले ही सर्तक था। अनहोनी की स्थिति से निपटने के लिए रेलवे ने आरपीएफ और जीआरपी स्टॉफ की तैनातगी की है। उल्लेखनीय है कि अपने पहले फेरे में सोमवार को कोटा में गंगापुर स्टॉफ ने आगरा के चालको को ट्रेन नहीं चलाने दी थी। इसके बाद आगरा में यहां के चालकों ने गंगापुर स्टॉफ के साथ मारपीट कर दी और ट्रेन को खुद चलाते हुए गंगापुर पहुंचे। इसके बाद गंगापुर में भी यहां के स्टॉफ ने आगरा के चालकों के साथ मारपीट कर दी। उन्हें धकेलते हुए जबरन ट्रेन से उतार दिया। इनका सामान प्लेटफार्म पर फेंक दिया। इसके बाद कर्मचारी संगठनो ने कोटा में जोरदार विरोध-प्रदर्शन भी किया था। बाद में यह मामला उदयपुर, अजमेर, कोटा, गंगापुर और आगरा में मीडिया की सुर्खी बना था। कर्मचारियों ने सोशल मीडिया एकाउंट एक्स पर रेल मंत्री तक से मामले की शिकायत की थी। लेकिन इसके तीन दिन बाद भी समस्या का हल नहीं निकला। ऐसे में इस विवाद के फिर से सामने आने की आशंका है। रेलवे बोर्ड पहुंचा वंदे भारत वर्किंग विवाद, राजनैतिक दबाव : नई शुरु हुई उदयपुर-आगरा कैंट वंदे भारत ट्रेन का वर्किंग विवाद रेलवे बोर्ड पहुंच गया है। अब रेलवे बोर्ड द्वारा इस मामले में निर्णय लिया जाएगा। माना जा रहा है कि गुरुवार तक इस मामले में कोई फैसला नहीं हुआ तो शनिवार को ट्रेन आने के समय वर्किंग विवाद फिर से सामने आ सकता है। उल्लेखनीय है कि ट्रेन शुरु होने के पहले दिन ही वर्किंग को लेकर गंगापुर और आगरा में लोको पायलट आपस में भीड़ गए थे। इस मारपीट में गंगापुर के चालकों को चोट भी आई थी। कोटा में भी कर्मचारी संगठनों ने मामले को विरोध-प्रदर्शन किया था। मंगलवार को यह पूरा मामला कोटा, आगरा और अजमेर मंडल में चर्चा का विषय बना रहा। लेकिन गंगापुर के चालको ने आगरा स्टाफ को यह ट्रेन नहीं चलाने दी। इसके बाद आगरा का स्टाफ इसी ट्रेन में स्पेयर गया। जबकि गंगापुर के चालक ट्रेन को आगरा तक ले गए। यहां गंगापुर के चालकों ने ट्रेन को वापस कोटा तक लाने की कोशिश। लेकिन आगरा में एकत्रित हुए बड़ी संख्या में चालकों ने गंगापुर स्टाफ को ट्रेन का संचालन नहीं करने दिया। आगरा स्टेशन पर गंगापुर स्टाफ के लाइन बॉक्स और बैग इंजन से उतर कर प्लेटफार्म पर फेंक दिए। साथ ही इंजन में घुसकर चालकों से मारपीट भी की। इस झगड़े में गंगापुर के चालक जितेंद्र सिंह चौहान और सह चालक रामकेश मीणा के हाथ और अंगुलियों में चोट भी लग गई। इसके बाद गंगापुर का स्टाफ इसी ट्रेन में स्पेयर बैठकर आए। जबकि आगरा के चालक ट्रेन को गंगापुर लेकर पहुंचे। गंगापुर में भी भिड़े आगरा में चालकों को पीटने की सूचना पर ट्रेन आने से पहले ही गंगापुर में बड़ी संख्या में कर्मचारी और संगठन के नेता एकत्रित हो गए। जीआरपी और आरपीएफ भी मौके पर पहुंच गई। ट्रेन स्टेशन पर पहुंचते ही कर्मचारियों ने जोरदार हंगामा इंजन में घुसकर कुछ कर्मचारियों ने आगरा के चालकों से हाथापाई भी कर दी और धकेलते हुए इंजन से जबरन बाहर निकाल दिया और इनका सामान भी प्लेटफार्म पर फेंक दिया। इस घटना के चलते ट्रेन गंगापुर में करीब 15 मिनट खड़ी रही। बाद में गंगापुर के चालक इस ट्रेन को लेकर कोटा के लिए रवाना हुए। घटना के लिए रेलवे जिम्मेदार इस घटना के लिए रेलवे पूरी तरह जिम्मेदार है। इस ट्रेन को चलाने के लिए पश्चिम-मध्य रेलवे, उत्तर-पश्चिम और उत्तर रेलवे ने अपने-अपने स्टाफ के लिए आदेश जारी कर रखे हैं। ऐसे में ट्रेन संचालन को लेकर कर्मचारी आपस में भिड़ रहे हैं। यह पहला मौका नहीं है जब ट्रेन संचालन को लेकर कर्मचारी आपस में भीड़ रहे हो। इससे पहले भी कई बार ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। लेकिन इसके बाद भी अलग-अलग रेलवे द्वारा अपने-अपने स्टाफ के लिए आदेश निकलने से नहीं चूक रहे। यूनियन संघ ने किया विरोध-प्रदर्शनवर्किंग विवाद के कारण स्टाफ के पीटने की बात सामने आते ही कोटा में भी कर्मचारी संगठन भी आक्रोशित हो गए।
वंदे भारत विवाद लोगों ने गार्ड के फाड़े कपड़े
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