जयपुर। याचिकाकर्ता रामप्यारी बाई विधवा पुत्र वधू द्वारा उसे आश्रित के तौर पर उसकी मृतक कर्मचारी सास के सेवानिवृत्ति लाभ विभाग द्वारा नहीं दिए गए जिसे याचिकाकर्ता ने राजस्थान उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर कर चुनौती दी।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता हितेष बागड़ी ने दौराने बहस न्यायालय को बताया कि याचिकाकर्ता के पति की असामयिक मृत्यु 15फरवरी.1994 को होने के बाद उसकी सास जो की एक सरकारी कर्मचारी थी, की मृत्यु भी कुछ समय बाद सेवा में रहने के दौरान 26मई.1994 को हो गई। इसके पश्चात याचिकाकर्ता ने अपनी सास अर्थात सरकारी कर्मचारी स्वर्गीय भंवरी देवी की एकमात्र उत्तराधिकारी होने के नाते उसके सेवानिवृत्ति लाभ प्राप्त करने हेतु विभाग में संपर्क किया किंतु विभाग द्वारा उसे स्वर्गीय भंवरी देवी का उत्तराधिकारी ना मानते हुए सेवानिवृत्ति लाभ देने से मना कर दिया। जिसके पश्चात उसके द्वारा सन 2006 में भी एक रिट याचिका दायर की गई जिसमें उसे स्वर्गीय भंवरी देवी के समस्त सेवानिवृत्ति लाभ याचिकाकर्ता को देने के निर्देश उच्च न्यायालय ने दिए । इसके उपरांत भी विभाग द्वारा लाभ न दिए जाने पर उसके द्वारा वर्तमान रिट याचिका दायर की गई । न्यायालय ने अधिवक्ता की बहस सुनने के पश्चात विभाग को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया।