राइजिंग राजस्थान समिट से प्रदेश बनेगा निवेश का हब – मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा
– अगले पांच वर्षों में राजस्थान बनेगा 350 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था
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जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान में उद्योग के लिए अपार संभावनाएं हैं। राज्य सरकार उद्योगपतियों के लिए निवेश अनुकूल वातावरण तैयार करने तथा हर सेक्टर में निवेश को आकर्षित करने के लिए दूरदर्शिता के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार राज्य को आर्थिक विकास और निवेश के हब के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
शर्मा गुरूवार को जयपुर में आयोजित दो दिवसीय इकोनोमिक टाइम्स बिजनेस समिट को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस समिट के आयोजन से विचारों का आदान-प्रदान कर अवसरों की पहचान की जाएगी तथा नई-नई साझेदारियां बनाई जाएंगी। उन्होंने आशा जताई कि इस दो दिवसीय समिट से प्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए सकारात्मक सुझाव प्राप्त होंगे जिस पर अमल कर राजस्थान देश के अग्रणी प्रदेशों में शुमार हो सकेगा तथा 2047 तक विकसित भारत-विकसित राजस्थान के विजन को गति मिलेगी।
हमारी सरकार विकास के लिए घंटों में ले रही निर्णय
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में एक फिल्म निर्माता ने राजस्थान में फिल्मसिटी की जरूरत के बारे में बताया तो सरकार द्वारा चार घंटों में ही जमीन चिन्हित कर उसके आवंटन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई। हमारी सरकार महीनों और दिनों में नहीं घंटों में राज्य के विकास के लिए निर्णय ले रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के उद्यमियों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिए ऊर्जा क्षेत्र में 2 लाख 24 हजार करोड़ रुपये के एमओयू कर ज्वाइंट वेंचर बनाने की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी गई है। उन्होंने आश्वस्त किया कि हमारी सरकार केवल एमओयू साइन करने में ही नहीं, बल्कि उन्हें धरातल पर उतारने में विश्वास रखती है।
सार्वजनिक-निजी भागीदारी से औद्योगिक विकास को मिलेगी गति
शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा निवेशकों को लाभदायक माहौल देने के लिए लगातार नई नीतियां बनाई जा रही हैं। राजस्थान औद्योगिक नीति, निवेश प्रोत्साहन योजना, निर्यात प्रोत्साहन योजना, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउस नीति, डेटा सेंटर नीति और एमएसएमई नीति इसी दिशा में हमारे ठोस प्रयासों का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक-निजी भागीदारी से औद्योगिक विकास को गति मिलती है। पीपीपी मॉडल से बड़ी औद्योगिक परियोजना एवं सुदृढ आधारभूत ढांचे के विजन को पूरा किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि राज निवेश पोर्टल के माध्यम से अब कोई भी निवेशक दुनिया के किसी कोने से प्रदेश में निवेश के लिए आवेदन कर सकता है।
राज्य की भौगोलिक स्थिति निवेशकों के लिए फायदेमंद
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का सबसे बड़ा राज्य है तथा आर्थिक दृष्टि से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि राज्य में सोना, लौह अयस्क, कच्चा तेल, प्राकृतिक स्टोन, यूरेनियम और लिथियम जैसे खनिज संसाधन उपलब्ध हैं। साथ ही, राजस्थान मसालों, सुगंधित फसलों एवं मोटे अनाज के उत्पादन में अग्रणी हैं। अनुकूल भौगोलिक परिस्थितियां से उद्योगपतियों के लिए यहां निवेश करना फायदेमंद साबित होगा।
राइजिंग राजस्थान से उद्यमियों के लिए निवेश की राह होगी आसान
शर्मा ने कहा कि प्रदेश में निवेशकों को अनुकूल वातावरण देने के लिए 9 से 11 दिसम्बर तक ‘राइजिंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 का आयोजन किया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा आयोजन को सफल बनाने और दुनिया भर के उद्यमियों को इससे जोड़ने के लिए विभिन्न स्थानों पर रोड शो और इन्वेस्टर मीटिंग का लगातार आयोजन किया जा रहा है। इसी सिलसिले में मुंबई में आयोजित पहले इन्वेस्टर मीट में निवेशकों का अपार उत्साह देखने को मिला और इसमें 4.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।
इस अवसर पर नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेक इन इंडिया से लेकर स्टार्ट अप इंडिया जैसे अनेक ऐसे कार्यक्रम संचालित किए हैं जिससे देश में औद्योगिक विकास बढ़ा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में गत 8 माह में उद्योगपतियों के लिए निवेश का अनुकूल माहौल तैयार किया जा रहा है।इस दौरान आयोजकों ने मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह भेंट स्वरूप दिए। मुख्यमंत्री ने आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। प्रमुख शासन सचिव उद्योग अजिताभ शर्मा ने राज्य सरकार द्वारा उद्योगों के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यक्रमों तथा नवाचारों के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में इकोनोमिक टाइम्स बिजनेस हैड अमित कुमार गुप्ता, गूगल क्लाउड इंडिया हैड लोकेश लोहिया, सीईओ सीमेंट बिजनेस अडानी ग्रुप अजय कपूर, कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन संजय स्वरूप ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर बड़ी संख्या में उद्यमी एवं निवेशक उपस्थित रहे।