मांगों को लेकर सफाई कर्मचारियों ने शहर में निकाली रैली

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नारेबाजी कर किया विरोध-प्रदर्शन, जगह-जगह लगे कचरे के ढेर

कुचामनसिटी। विमल परी वरिष्ठ संवाददाता राजस्थान सफाई मजदूर के बैनर तले नगर परिषद के सफाई कर्मचारी 6वें दिन मंगलवार को भी सफाई भर्ती में केवल वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता देने सहित अन्य मांगों को लेकर सामूहिक अवकाश पर रहे। मंगलवार को सफाई कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर शहर के प्रमुख मार्गों से होकर नगर परिषद कार्यालय तक रैली निकाली। साथ ही नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया। सफाई कर्मचारियों की हड़ताल से सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। जगह-जगह गंदगी और कचरे के ढेर लगे हैं। साथ ही कचरा नहीं उठने से बारिश के कारण अब सड़ने लगा है।

सुबह करीब साढ़े 10 बजे सभी सफाई कर्मचारी आथुरणा दरवाजा वाल्मीकि कॉलोनी में एकत्रित हुए। यहां से सैंकड़ों सफाई कर्मचारी रैली के रूप में नारेबाजी करते हुए और अपनी मांगों के संबंध में हाथों में बैनर-तख्ती लिए रवाना हुए। रैली पुरानी धान मण्डी ,सदर बाजार , पुराने बस स्टैंड ,स्टेशन रोड होते हुए नगर परिषद कार्यालय के सामने धरना स्थल पहुंची।

यह हैं प्रमुख मांगें

सफाई कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में सफाई कर्मचारी भर्ती के नियमों में बदलाव किए जाने के साथ सफाई कर्मचारी भर्ती प्रैक्टिकल के आधार पर प्रैक्टिकल का समय 1 वर्ष का करने, सफाई कर्मचारी भर्ती प्रैक्टिकल में जो अभ्यार्थी सफाई का कार्य करें, उन्हें कार्य के परिश्रम का भुगतान मस्टरॉल के आधार पर करने, सफाई कर्मचारी भर्ती में प्रैक्टिकल में सफल रहे अभ्यर्थियों को एक वर्ष बाद स्थायी कर्मचारी घोषित करने, सफाई कर्मचारी भर्ती में परंपरागत सफाई कार्य से जुड़े वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता देने और सफाई कर्मचारी भर्ती प्रक्रिया 2012 के अनुसार वाल्मीकि और हेला समाज को सीधी नियुक्ति देने की मांग की है। उनका कहना है कि वर्तमान भर्ती प्रक्रिया 2024 में 2012 के भर्ती नियमों में पूर्ण पालना नहीं की जा रही है, जो नियमानुसार गलत है। इसके अलावा सफाई कर्मचारी भर्ती में पूर्व में राज्य के नगर निगम और नगरीय निकायों में सफाई का कार्य किए गए कार्मिकों को अतिरिक्त बोनस अंक देकर वरीयता दी जाए।

जगह-जगह लगे कचरे के ढेर

सफाई कर्मचारियों के 25 जुलाई से सामूहिक अवकाश पर जाने से सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। शहर में न तो समय पर सफाई हो पा रही है और न ही गंदगी कचरे का समय पर उठाव हो रहा है। ऐसे में बारिश का मौसम होने के कारण जगह-जगह पड़ा कचरा अब सड़ने लगा है। इसके कारण कचरे की दुर्गंध से लोगों का निकलना भी मुश्किल हो गया। साथ ही वातावरण प्रदूषित होने से बीमारियां फैलने का अंदेशा बना हुआ है।

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