अजमेर। ( नितिन मेहरा वरिष्ठ संवाददाता ) राजस्थान के अजमेर जिले की पुलिस पर 11 साल पुराने SP मंथली वसूली मामले में आज भ्रष्टाचार निरोधक कोर्ट और विशेष टाडा कोर्ट में सुनवाई हुई। अजमेर की पुलिस के मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए तत्कालीन पुलिस अधीक्षक राजेश मीणा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लोकेश सोनवाल, 12 तत्कालीन थानाधिकारी सहित एक दलाल और एक अन्य को दोष मुक्त कर दिया। तकनीकी खामियों और पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में कोर्ट में एसीबी का पक्ष कमजोर रहा। इस पूरे मामले में वकील ने कोर्ट के सामने यह दलील पेश की कि यह ACB का प्री-प्लान क्राइम है। इस दौरान तत्कालीन एसपी राजेश मीणा ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि गलत तथ्य पर केस दर्ज किया था, लेकिन सच्चाई की जीत हुई है। दोनों पक्षों की सुनवाई और बहस के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया।
2 जनवरी 2013 को एसीबी ने तत्कालीन एसपी राजेश मीना को जयपुर रोड स्थित सरकारी आवास में दलाल ठठेरा के साथ गिरफ्तार किया। इस पूरे मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 90 गवाह और 300 दस्तावेज माननीय न्यायाधीश के समक्ष पेश किए गए थे । अजमेर के थानेदारों से मंथली वसूली प्रकरण में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने तत्कालीन पुलिस अधीक्षक राजेश मीणा और दलाल जोधपुर निवासी रामदेव ठठेरा को 2 जनवरी 2013 को दो लाख पांच हजार रुपए एक थैली रखे होने के साथ गिरफ्तार किया गया। मीणा की गिरफ्तारी के बाद उन्हें तीन जनवरी को अदालत में पेश करने के लिए तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लोकेश सोनवाल भारी पुलिस बल के साथ सेशन न्यायालय में उपस्थित हुए थे। एसीबी ने अदालत को जानकारी देकर मीणा को पुलिस रिमांड पर सौंपने का प्रार्थना पत्र पेश किया। उन्होंने अन्य आरोपी तक पहुंचने की जानकारी देते समय सोनवाल का नाम लिया तो इसकी सूचना सोनवाल को मिल गई और अदालत के सामने से फरार हो गए थे।उन्होंने फरारी के दौरान उनके विरुद्ध दर्ज एफआईआर निरस्त करवाने और अग्रिम जमानत प्राप्त करने का प्रयास किया था। बाद में वे हाईकोर्ट के निर्देश पर कोर्ट में समर्पण करने आए थे। अदालत में पहुंचने के कुछ दूर पहले ही एसीबी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। एसीबी रिपोर्ट के अनुसार ठठेरा सोनवाल के ऑफिस से उनकी विभागीय कार में बैठकर पुलिस अधीक्षक राजेश मीणा के घर पर 2.05 बजे पहुंचा। उसके वहां बैठने के कुछ ही देर में एसीबी टीम पहुंच गई। टीम ने वहां से रामदेव ठठेरा और राजेश मीणा को एक थैली में रखे 2 लाख 5 हजार रुपए नकद और ठठेरा के जेब में रखी विभिन्न थानों के नाम में अंक लिखी पर्चियों सहित गिरफ्तार किया था। लेकिन आज न्यायालय ने अपना फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया ।