भाजपा की तस्वीर हुई साफ, वसुंधरा नहीं मोदी ही है सीएम फेस

0
- Advertisement -

जयपुर। भाजपा का एक धड़ा अब तक यह मानकर चल रहा था कि आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा का वसुंधरा राजे ही मुख्यमंत्री का चेहरा होगी वसुंधरा राजे समर्थकों को के उम्मीद थी कि जल्दी ही भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व वसुंधरा राजे को राजस्थान में चुनावी चेहरा घोषित करेगी लेकिन एक के बाद एक लगातार हो रही प्रधानमंत्री की चुनावी सभा में जिस तरह से वसुंधरा राजे की अपेक्षा की गई है उसे साफ है कि वसुंधरा राजे अब राजस्थान में चुनावी चेहरा नहीं है जयपुर में आयोजित परिवर्तन संकल्प यात्रा में वसुंधरा राजे मंच पर तो मौजूद थी लेकिन मंच से उनका भाषण नहीं होना चर्चा का विषय रहा था। इसके बाद लगा था कि हो सकता है यहां पर कोई तकनीकी भूल हो गई हो और वसुंधरा राजे को अवसर नहीं दिया गया हो । इसके बाद चित्तौड़गढ़ में हुई सभा में भी वसुंधरा राजे, पीएम मोदी के स्वागत में मौजूद थी। उनके कई जूनियर नेताओं के मंच से भाषण भी हुए लेकिन वसुंधरा राजे की मौजूदगी के बावजूद उनका किसी तरह का भाषण नहीं हुआ ।फिर लोगों को लगा कि चित्तौड़गढ़ का मामला है, यहां सीपी जोशी सांसद है। सीपी जोशी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष है उन्हें बोलने का मौका दिया गया है ।हो सकता है अगली सभा में वसुंधरा राज्य को पूरी तरह बोलने का अवसर मिले । उसके बाद 5 अक्टूबर को जोधपुर में आयोजित सभा में भी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे मौजूद रही। पीएम मोदी का स्वागत भी किया। मंच पर उन्हें स्थान भी दिया गया। लेकिन जब बोलने का नंबर आया तो उनका कहीं नाम नहीं था। यहां पर भी केंद्रीय मंत्री जोधपुर सांसद गजेंद्र सिंह ,केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ही मंच से बोले। राजेंद्र राठौड़ मंच से बोले लेकिन वसुंधरा राजे का नंबर यहां भी नहीं आया। इन तमाम बातों से अब वसुंधरा राजे समर्थकों को यह समझ में आ गया है कि अब अब हालात बदल गए हैं और अब राजस्थान की राजनीति में वसुंधरा राजे की भूमिका वह नहीं रहने वाली जिसकी उम्मीद लगातार की जा रही थी।

वसुंधरा की उपेक्षा से उनके समर्थक निराश पार्टी के मंचों पर लगातार हो रही वसुंधरा राजे की उपेक्षा के चलते अब उनके समर्थकों में निराश होने लगी है समर्थकों का कहना है कि पार्टी जानबूझकर वसुंधरा राजे को पीछे तक खेलना चाहती है जबकि प्रदेश की जनता आज भी वसुंधरा राजे के साथ है। पार्टी नाथ नेतृत्व और संघ परिवार की इस मामले में अलग राय है इसीलिए वसुंधरा राजे को ज्यादा तवज्जो नहीं दी जा रही है जब सार्वजनिक मंचों और सार्वजनिक सभाओं में वसुंधरा की राजे की उपेक्षा हो रही है तो उनके समर्थकों का निराश होना लाजमी है। समर्थन भी खुलकर इस बात को मानने लगे हैं कि हो सकता है केंद्रीय नेतृत्व और संघ परिवार दोनों ही नहीं चाहता कि आने वाले चुनाव में वसुंधरा राजे को कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जाए, लेकिन पार्टी को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है।

सीपी जोशी का बढ़ा कद

वसुंधरा राजे को जहां पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व लगातार हासिये पर धकेलता जा रहा है । वहीं पार्टी में हाल ही में प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए सीपी जोशी के कद में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राजस्थान का कोई सा भी दौरा ऐसा नहीं है ,जिसमें पीएम मोदी ने अपनी ओपन कर में प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी को नहीं रख रहे हो। चित्तौड़गढ़ में हो ,या फिर जोधपुर में ,जब पीएम मोदी का काफिला जनता के बीच से ओपन कार में गुजारा तो उनके पीछे सीपी जोशी मौजूद थे। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते सीपी जोशी का यह हक भी है । लेकिन माना जा रहा था कि उनकी ओपन कार में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, सीपी जोशी और नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ मौजूद रहेंगे। लेकिन तीनों ही रैलिया में और सभा में सिर्फ और सिर्फ सीपी जोशी ,पीएम मोदी के साथ कार में मौजूद थे। जाहिर सी बात है कि पीएम मोदी के साथ में इस तरह से मौजूद रहना सीपी जोशी के कद में लगातार बढ़ोतरी कर रहा है। यह मानकर चल रहें है कि वसुंधरा राजे गजेंद्र सिंह शेखावत राजेंद्र सिंह राठौड़ सतीश पूनिया और अर्जुन मेघवाल की लड़ाई का फायदा इन सब की लड़ाई का फायदा सीपी जोशी को मिल सकता है।

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here