जयपुर। बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों ने राज्यसभा चुनावों से पूर्व मौका पर सही वार किया है। दो दिनों से सरिस्का आदि इलाकों में घूम रहे बसपा विधायकों की अगुवाई कर रहे मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि जो कमेंटमेंट किया था वो नहीं निभाया गया।
सम्मान नहीं मिला
दो बार सरकार बचाने के बावजूद बसपा विधायकों को जो सम्मान मिलना चाहिए था वो नहीं मिला। यही कारण है कि बसपा विधायक राज्यसभा चुनावों के समय नाराजगी जता रहे है। राजेंद्र गुढ़ा का कहना है कि सबको पता है कि बसपा विधायकों ने कांग्रेस में विलय कराकर सरकार को बचाया। लेकिन इसके बावजूद जो सरकार को दगा देकर भागे थे उन्हें तो सम्मान मिल गया लेकिन बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों को वो सम्मान नहीं मिला। न जाने गहलोत साहब की क्या मजबूरी है।
मुख्यमंत्री जी ने नहीं निभाया कमिटमेंट
राज्यसभा चुनावों से पूर्व बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों ने अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर कर दी है। मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा बोले न जाने क्या मजबूरी है मुख्यमंत्री जी ने जो कमिटमेंट हमसे किया था वो नहीं निभाया। हमने उनकी सरकार बचाने का कमिटमेंट किया था , वो ईमानदारी से निभाया। मुख्यमंत्री जी ने काम तो बहुत कराए लेकिन वादा नहीं निभाया।
10 से पहले पता चल जाएगा?
10 मई को राज्यसभा के लिए वोटिंग होनी है इससे पहले बसपा से कांग्रेस में लौटे विधायक भी पत्ते नहीं खोलेंगे। गुढ़ा ने कहा कि आपको पता लग जाएगा क्या करना है। जब पार्टी हमारी नहीं सुन रही तो हमें भी सोचना पड़ेगा। गुढ़ा के बयान से साफ है कि कहीं न कहीं वे भी पार्टी में अपने साथियों के साथ उदयपुर होटल में भी नहीं गए।
भाजपा समर्थित सुभाष चंद्रा को भी मौल भाव का मिलेगा मौका
बसपा विधायकों के बयान से भाजपा समर्थित सुभाष चंद्रा भी इनकी टोह ले सकेंगे। चंद्रा और बीजेपी के वरिष्ठ नेता भी जल्द ही राजेंद्र गुढ़ा और अन्य बसपा विधायकों से संपर्क साधेंगे। उऩ्हें लग रहा है यही उचित समय है जब सरकार से नाराज बसपा विधायकों को किसी भी तरह से अपने समर्थन में लाया जा सके। इसके लिए बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओँ को लगाया गया है। ये ही नहीं सुभाष चंद्रा ने भी मीडियाकर्मियों को भी इस काम के लिए आगे कर दिया है। वे भी इऩ नेताओँ की ठोह लेने में जुट गए है। कहीं न कहीं कांग्रेस पार्टी की ढिलाई भारी न पड़ जाए।