मुख्यमंत्री गहलोत की संवेदनशीलता
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की संवेदनशीलता से सीकर जिले के श्यामपुरा खाचरियावास गांव के निवासी 24 वर्षीय दिव्यांग भरत सिंह शेखावत के जीवन में अब फिर खुशियां लौटी हैं। भरत ने करीब 7 वर्ष की उम्र में बिजली के करंट के कारण अपने दोनों हाथ खो दिए थे। इस हादसे से पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा और भरत के माता-पिता को उसके भविष्य की चिंता सताने लगी। तमाम विपत्तियों के बावजूद भरत की माता ने उसेे पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रेरित किया। माता की प्रेरणा से भरत ने पैरों से अपने भविष्य की इबारत लिखना शुरू किया। अपनी मेहनत के बूते भरत ने राजस्थान सरकार में कृषि पर्यवेक्षक के पद पर नियुक्ति प्राप्त की। भरत ने जब अपनी पीड़ा से मुख्यमंत्री कार्यालय को अवगत कराया, तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तत्काल प्रभाव से भरत के दोनों कृत्रिम हाथ लगाए जाने के निर्देश प्रदान किए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर अधिकारियों ने त्वरित कार्यवाही करते हुए भरत को फोन कर शुक्रवार 13 अगस्त को मुख्यमंत्री निवास बुलाया और भगवान महावीर विकलंाग सहायता समिति के माध्यम से उसके कृत्रिम हाथ निशुल्क लगवाए।
मुख्यमंत्री की इस संवेदनशीलता और सदाशयता से भरत को बड़ा संबल मिला है। इससे वह न केवल अपने दैनिक कार्यों को आसानी से कर सकेगा, बल्कि राजकीय दायित्वों का निर्वहन भी सुगमता से कर पाएगा। मुख्यमंत्री की इस संवेदनशीलता से भावुक हुए भरत ने कहा कि जीवन के साथ संघर्ष करते हुए उसने अपने पैरों से सफलता की इबारत तो लिख दी, लेकिन कृत्रिम हाथों से अब उसके जीवन में नई खुशियां लौट आई हैं। उसे उम्मीद नहीं थी कि उसकी पीड़ा का कभी अंत होगा, लेकिन मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने उसके जीवन को आशा की एक नई किरण दी है।
पैरों से लिखी सफलता की इबारत, सीएम की संवेदनशीलता से कृत्रिम हाथों से लौटी खुशियां
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