सांसद बदले,विधायक बदले, सभापति बदले…लेकिन नागौर के हालात नहीं बदले
नागौर। श्याम माथुर वरिष्ठ संवाददाता बात नागौर की जहां आजादी के बाद से अब तक कई सांसद बदले, विधायक बदले और नगरीय निकाय के पालिका अध्यक्ष और सभापति भी बदले….लेकिन नही बदले तो वो है, नागौर के हालात। हर साल बारिश के दौरान नागौर शहर के कई इलाकों में जलभराव की समस्या हो जाती है ।
कई इलाके बारिश के मौसम में जलमग्न हो जाते है । किसी भी जनप्रतिनिधि, सरकार और स्थानीय निकाय ने नगरवासियों कि इस समस्या का स्थाई समाधान नहीं किया । इस बार भी हालत ऐसे ही है। शहर में लगातार हो रही बारिश की वजह से कई इलाके जलमग्न है । कई इलाकों में ड्रेनेज की व्यवस्था नहीं होने से पानी न केवल घरों में भर गया, बल्कि घर से निकलने के लिए लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ा। घरों के बाहर पानी होने से लोग घरों के भीतर कैद हो गए हैं ।कुछ जगहों पर खुले सीवरेज के चेंबर्स भी दुर्घटनाओं को दावत दे रहे हैं।
जलभराव वाले इलाकों में बच्चा खाड़ा ,गाजी खाड़ा, व्यापारी मोहल्ला, सोनीबाड़ी, नया दरवाजा से बंशीवाला मार्ग, दिल्ली दरवाजा आदि क्षेत्रों में जलभराव से लोगों की स्थिति खराब हैं । लोगों ने बताया कि कई सालों से यहां जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। इसकी वजह से जरा सी बरसात में यहां पानी भर जाता है। इसी तरह तेज बारिश होने पर शहर के बीकानेर रोड, कृषि मंडी एरिया, श्रीराम कॉलोनी, राजपूत कॉलोनी, केन्द्रीय बस स्टैंड के पीछे वाले क्षेत्रों में भी जल भराव की वजह से स्थिति बेहद खराब हो जाती है ।
बरसात के मौसम में नागौर के लोगों की समस्या यहीं खत्म नहीं हो जाती । बरसात के बाद सड़कों की हालत भी जर्जर हो गई है । ज्यादातर सड़कें क्षत्रिग्रस्त हो गई है और उन पर से निकलना ,वाहन चालकों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है । कुछ वाहन चालक तो इन टूटी फूटी सड़कों की वजह से हादसों का शिकार भी हो चुके हैं। लोगों ने एक बार फिर स्थानीय प्रशासन और सरकार से मांग की है की लंबे समय से नागौर क्षेत्र में जल भराव की समस्या का स्थाई समाधान किया जाए और शहर में जहां-जहां भी सड़कें टूट गई है उन्हें दुरुस्त किया जाए।