नवसंवत्सर का होगा जोरदार स्वागत चार दिशाओं में छोड़े जाएंगे श्वेत अश्व

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नवसंवत्सर का होगा जोरदार स्वागत
चार दिशाओं में छोड़े जाएंगे श्वेत अश्व
5 दिवसीय होंगे कार्यक्रम
मंदिरों में गूंजेगें घण्टे-घडियाल

जयपुर । भारतीय संस्कृति के पावन पर्व चैत्र शुक्ल प्रतिपदा भारतीय नववर्ष नवसंवत्सर 2082 प्रारम्भ हो रहा है। इसके स्वागत के लिए 3 दिवसीय नवसंवत्सर उत्सव बड़े ही धूमधाम से जयपुर में आयोजित किया जायेगा।
संस्कृति युवा संस्था के अध्यक्ष पण्डित सुरेश मिश्रा ने बताया कि 27 मार्च से 31 मार्च तक 5 दिवसीय विभिन्न कार्यक्रम नवसंवत्सर उत्सव के रूप में आयोजित किये जायेगें। जिसमें 26 मार्च को नवसंवत्सर के स्वागत के लिये चार अश्व पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण दिशाओं में रवाना होंगे और नवसंवत्सर का अनूठे तरीके से प्रचार करेंगे। भारतीय संस्कृति और नवसंवत्सर का प्रचार करने के लिये यह श्वेत अश्व जयपुर शहर के सभी मंदिरो में जाएंगे। इनका विधिवत पूजन विद्वानों द्वारा वैदिक रीति से किया जायेगा। इस अवसर पर जयपुर के विभिन्न मंदिरों के संत-महंत उपस्थित रहेंगे। पण्डित मिश्रा ने बताया कि ये चार अश्व ईशान में खोले के हनुमान मंदिर, पूर्व में गलताजी, आग्नेय में गोनेर मंदिर, दक्षिण में सांगा बाबा, नैऋत्य में स्वामी नारायण मंदिर, पश्चिम में हाथोज हनुमानजी, वायव्य में कदम्ब डूंगरी व उत्तर में आमेर काले हनुमान मंदिर तक जाएंगे और नवसंवत्सर का अनूठे तरीके से प्रचार-प्रसार करेगें। इनके साथ में समिति के कार्यकर्ता पम्पलेट बांटते हुये चलेगें और विशेषकर युवाओं से आग्रह करेगें कि भारतीय नवसंवत्सर को धूमधाम से आयोजित करें।
अश्व छोडने की परम्परा भारतीय संस्कृति में हजारों वर्षों से चली आ रही है जो कि राजा लोग अपने साम्राज्य के विस्तार के लिये छोडते थे लेकिन इस बार अश्व नवसंवत्सर के प्रचार-प्रसार के लिये छोडे जा रहें है। इस बहाने युवाओं में कौतूहल एवं जाग्रति आयेगी।
30 मार्च को जयपुर के प्रमुख मंदिरों में घण्टे-घडियाल बजाकर नवभोर का स्वागत होगा एवं शाम को गोविन्ददेवजी के मंदिर में महाआरती का आयोजन किया जायेगा।
पंडित मिश्रा ने बताया कि पाश्चात्य संस्कृति के हिसाब से नववर्ष 1 जनवरी को मनाया जाता है लेकिन युवा वर्ग को अपने संस्कारों से परिचय हो इसलिये इस बार के आयोजन में युवाओं की अधिकाधिक प्रतिभागिता हो इसके लिये प्रचार किया जा रहा है। इसके लिये ‘‘नवसंवत्सर उत्सव समारोह समिति’’ का भी गठन किया गया है। साथ ही सोशल मीडिया पर नवसंवत्सर के मैसेज बनाकर डाले जाएंगे।

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