लोक टुडे न्यूज नेटवर्क
पादूकलां (नागौर) ( राकेश शर्मा ) पादूकलां। निकटवर्ती ग्राम आच्छोजाई में ध्वाजारोहण के साथ ही जानाजी महाराज के के नाम से भजन संध्या के बाद दो दिवसीय मैले का शुभारंभ हआ। लोगों की मान्याता के अनुसार ग्राम आच्छोजाई के उत्तर पूर्व में स्थित पहाड़ी की तलहटी में पांडव पौत्र राजा परीक्षित पुत्र जन्मेजय महाराज जो स्थानीय नागरिकों में जानाजी महाराज के नाम से जाने जाते है। जहां पर श्राप की मुक्ति को लेकर राजा जन्मेजय ने कठोर तपस्या कर श्राप से मुक्ति प्राप्त की थी। जानाजी धाम के मंहत जयराम गिरी महाराज ने बताया की उनकी तपस्या स्थल पर बुधवार को विशाल मेला आयोजन हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं का जन सैलाब उमड़ा।
श्राप मुक्ति के लिए की राजा जन्मेजय महाराज ने तपस्या
उन्होंने बताया की आच्छोजाई के जन्मजेय महाराज के मंदिर भाद्रपद सुदी पूर्णिमा को प्रतिवर्ष दो दिवसीय मेला लगता है। मेले में आसपास के गांवों के ग्रामीण आकर खरीददारी करते हैं। जिसमें ज्यादातर किसान वर्ग द्वारा कृषि कार्य मे काम आने वाले अपने औजारों की खरददारी की जाती है। महिलाओं ओर बच्चो ने मेले में झूला झूलने का आनंद लिया ओर महिलाओं ने घरेलु उपयोग मे आने वाली सामान की खरीदी की। मेले में बुधवार सुबह भारी संख्या में जनसैलाब उमड़ा ओर आसपास के गांवों के महिला एवं पुरुषों ने मंदिर में नारियल व प्रसाद चढ़ाकर खुशहाली की कामना की। महंत जयरामगिरी महाराज ने मेले की पूर्व संध्या पर सेवा समिति के कार्यकर्ताओं की बैठक आयोजित कर अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी। मेले की पूर्व संध्या पर विशाल भजन संध्या का आयोजन हुआ। इस मैले मे साधू संतों ने भी बड़ी संख्या में भाग लेकर एक से बढ़कर एक भजनों की प्रस्तुतियां दी। तथा महंत जयराम गिरी से आशिर्वाद प्राप्त किया।