हनुमानगढ़। बालिका के साथ बलात्कार के मामले में पीड़िता को नियमानुसार आर्थिक सहायता नही देने पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मुख्य सचिव, सहित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया। हनुमानगढ़ जिले के महिला पुलिस थानांतर्गत दिनांक 15 जनवरी 2020 को अनुसूचित जाति की बालिका स्कूल जा थी, इसी दौरान आरोपी उसे बहाल फुसलाकर ले गया और उसके साथ बलात्कार किया। जिसका मामला महिला थाना हनुमानगढ़ में दर्ज किया गया।
मामले की जानकारी होने पर अधिकार संदर्भ केंद्र द्वारा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में इसे दर्ज करवाकर पीड़िता के न्याय सुरक्ष व आर्थिक सहायता की मांग की गई। जिसमे आयोग ने प्रसंज्ञान लेकर सम्बंधित अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की गई, जिसकी पालन में अधिकारियों ने रिपोर्ट पेश कर मामले मे चालान पेश करना बताया।
माननीय आयोग ने पुलिस द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट का अवलोकन किया तो स्पष्ट हुआ कि सम्बंधित अधिकारियों ने मामले मे आपराधिक कार्यवाही तो की है लेकिन पीड़िता के पुर्नवास का लिये कोई कदम नही उठाया है। आयोग ने मामले में पीड़िता का मानवाधिकार का हनन माना है तथा दिनांक 7अगस्त 2021 को मामले की सुनवाई करते हुए , मुख्य सचिव राजस्थान सरकार, प्रमुख शासन सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, जिला कलेक्टर व जिला पुलिस अधीक्षक को मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम की धारा 18 के तहत कारण बताओ नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब पेश करने का आदेश दिया है।
दुष्कर्म पीड़िता बालिका को आर्थिक सहायता नहीं देने पर मानवाधिकार आयोग ने सीएस को किया तलब
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