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दलित महिला प्रधान को एसडीएम, और थानेदार ने कुर्सी से उठाया !

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प्रशासन शहरों के संग अभियान के दौरान महिला प्रधान को कुर्सी से उठाया

जयपुर। बेहतरीन जनतंत्र वह है जहां महिलाएं केवल वोटर नहीं है और न ही केवल मूक दर्शक बल्कि पूरी मुखरता और. स्वतंत्रता से अपने विचारों और अधिकारों का इस्तेमाल करने के लिए किसी की मुखापेक्षी न हों। इस तरह का लोकतंत्र अब भी सपना है। सदियों के महिला अधिकारों ने अनेक कामयाबियां तो हासिल की हैं। लेकिन राजनीति का वैचारिक आधार बदलने में कामयाबी अब तक नहीं मिली है। अमेरिका की पूर्व जज कांस्टास वाकर मेटले का एक प्रसिद्ध कथन इस संदर्भ में याद किया जा सकता है। कुछ ऐसा जिसे हम अभी असंभव समझते हैं। अगले दशक में असंभव नहीं रहेगा यह बात प्रियंका गांधी के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में कहीं है। लेकिन कांग्रेस समर्थक दूदू विधानसभा से निर्दलीय विधायक बाबूलाल नागर ने बीजेपी से नवनिर्वाचित मौजमाबाद प्रधान उगन्ता सुकरिया को जिस तरह नीचा दिखाने का काम किया है। उससे यह कतई साबित नहीं होता कि राजस्थान की कांग्रेस पार्टी महिलाओं को आगे बढ़ाना चाहती है। मामला राजधानी के दूदू विधानसभा का है। जहां एक महिला प्रधान को प्रशासन शहरों के संग अभियान के दौरान इसलिए कोशिश से उठा दिया कि वह एक दलित वर्ग से आती है यह काम किसी और ने नहीं बल्कि वहां मौजूद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने किया यही नहीं पुलिस अधिकारियों ने महिला प्रधान को नहीं उठने पर धमकाया भी यदि वे नहीं उठी तो उन्हें जबरन उठा दिया जाएगा।

मौजमाबाद की प्रधान उगन्ता सुकरिया की जुबानी

राजधानी के दूदू उपखंड की मौजमाबाद पंचायत समिति से नवनिर्वाचित प्रधान उगन्ता सुकरिया को प्रशासन गांवों के संग अभियान के तहत आयोजित शिविर के बारे में कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। जब भी शिविर में जनता की समस्या सुनने के लिए पहुंचती हूं तो दूदू एसडीएम भूपेंद्र सिंह यादव के इशारे पर मौजमाबाद थाना अधिकारी रविंद्र सिंह ने मुझसे बदतमीजी करते है वे मुझे सबके सामने अपमानित करके कुर्सी से उठा देते है।. जिससे मुझे मानसिक और मेरे पद की गरिमा को ठेस पहुंची है। मैं एक दलित समाज की महिला हूं। इस वजह से मुझे परेशान किया जा रहा है।

विधायक बाबूलाल नागर पर लगाया आरोप

 मौजमाबाद पंचायत समिति प्रधान को जिस तरह प्रशासन गांव के संग अभियान में विधायक बाबूलाल नागर की शह पर अधिकारियों ने राजकार्य में बाधा केस दर्ज कराने की धमकियां दी है। उससे लगता है कि विधायक बाबूलाल नागर पूरी तरह बौखला गए हैं। क्योंकि जनता ने उनकी बहु रुपाली नागर को प्रधान नहीं बनाया और जिला परिषद सदस्य पद पर उनके बेटे को जनता ने चुनाव हरा दिया। इसी की बौखलाहट है जिसके चलते विधायक बाबूलाल नागर एक SC समाज की प्रधान के साथ ऐसा व्यवहार कर रहे हैं। जबकि खुद नागर भी SC वर्ग से ही आते है। जिसके चलते लोगों में नगर के खिलाफ भी आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

जिला कलेक्टर और डीजीपी से की शिकायत

राजधानी के दूदू उपखंड की मौजमाबाद पंचायत समिति से नवनिर्वाचित प्रधान उगन्ता सुकरिया को प्रशासन गांवों के संग अभियान में सत्ता के दम पर पुलिस और अधिकारियों ने कुर्सी से उठा दिया। उठाने के बाद भाजपाई लामबंद हो गए और मौजमाबाद थाना अधिकारी, विकास अधिकारी और दूदू एसडीएम भूपेंद्र सिंह यादव की शिकायत लेकर कलेक्टर और राजस्थान पुलिस के मुखिया एम एल लाठर के पास पहुंच गए। दूदू एसडीएम भूपेंद्र सिंह यादव, विकास अधिकारी और मौजमाबाद थानाधिकारी रविन्द्र सैन के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई, शिकायत में उन्होंने कहा कि मैं एक दलित समाज की महिला प्रधान हूं जिसकी वजह से मुझे आए दिन परेशान किया जा रहा है। जब जनता ने मुझे चुनकर पंचायत समिति में भेजा है तो उनकी समस्याओ का समाधान करने का अधिकार भी मुझे है। लेकिन विधायक महोदय यह भूल गए हैं कि मैं भी एक नव निर्वाचित जनप्रतिनिधि हूं। मुझे अपमानित करके उन्होंने मेरी महिला और प्रधान की गरिमा को ठेस पहुंचाई है। .

डीएसपी अशोक चौहान ने जांच शुरू की

इसको लेकर दूदू डीएसपी अशोक चौहान ने कहा कि मुझे मंगलवार को ही जयपुर ग्रामीण एसपी शंकर दत्त शर्मा की ओर से मामले की जांच करने आदेश मिला है। जिसके बाद दो-तीन दिन में मामले की जांच कर कर रिपोर्ट जयपुर ग्रामीण एसपी को सौंप दी जाएगी। अक्सर प्रदेश में देखा जाता है कि महिलाओं को आरक्षण मिलने के बाद महिलाएं बखूबी से चुनाव में अपनी भागीदारी निभा रही है। लेकिन ये भी देखा गया है कि अधिकतर पदों महिलाओं को केवल राजनीतिक मोहरा बनाया जाता है। जबकि उनकी जगह पति या पिता राजनीति करते हैं और जब कुछ महिला आगे बढ़ने लगती है तो कुछ इस तरह की राजनीति करके उनको आगे बढ़ने नहीं देते है।आखिर सवाल यह है कि आज भी महिलाओं को अपने वर्चस्व की लड़ाई पुरुषों से लड़नी पड़ रही है। लेकिन यहां यह लड़ाई भाजपा और कांग्रेस के बीच की भी नजर आ रही है। इस पूरी लड़ाई में भाजपा और कांग्रेस के नेता आमने-सामने हैं और भाजपा के नेताओं ने यह मुद्दा पुरजोर तरीके से उठा रखा है।

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