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जोधपुरिया धाम के लक्खी मेले में देशभर से पहुंच रहे हैं श्रद्धालु

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टोंक।(कजोड़ गुर्जर)टोंक जिले के मासी नदी के बना 350 साल पुराना जन जन आस्था केन्द्र गुर्जर समाज के आराध्य देव के लक्खी मेले में देश सहित प्रदेशों के राजधानियों से ध्वज पताकाएं लेकर देव कीर्तन करते हुए नंगे पांव चलकर लाखों की तादाद श्रद्धालुओं का 3 दिवसीय मेले पहुंच रहे हैं।


राज्य स्तरीय प्रतिभा सम्मान, भामाशाह समारोह के पश्चात रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम में सांस्कृतिक छंटा बिखेरीं।
मेला आकर्षक केन्द्र काशी की थाली में को देखने आस्था का जन सैलाब उमड़ पड़ा।
भोपाजी द्वारा एक पैर पर देव वाणी पर नृत्य करते काशी थाली में कमल का फूल बनाकर में देव दर्शन करवाए।


इस भगवान देवनारायण द्वारा बताया प्रकृति संरक्षण का संदेश भोपाजी जनता को दिया।
इस दौरान भगवान श्री देवनारायण के जयकारों से पांडाल गुंजायमान हो गया।

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350 साल पुराना मासी नदी के तट पर बना प्रसिद्ध देवधाम जोधपुरिया

राजस्थान का 350 साल पुराना मासी नदी के तट पर बना प्रसिद्ध देवधाम जोधपुरिया में 3 दिवसीय लक्खी मेले का आयोजन किया जा रहा है।
मेले देश व प्रदेश की राजधानी सहित देश के कोने-कोने लाखों की तादाद श्रद्धालुओं पहुंच रहे हैं।
इस यह मंदिर लगातार हो रहे चमत्कारों के नाम से जाना जाता है।
शुद्ध देसी की अखंड ज्योति जलती रहतीं हैं।
मंदिर में सालों पुराना घी भण्डार में भरा है ,जिसको को आंखों में लगाने से रोग दूर होते हैं।
इस मंदिर में भगवान श्रीदेवनारायण, मेन्दूजी, भूणाजी, कानभांगीजी मदन जी, शेरनी से दूध पीते देवनारायण भगवान ,साडू माता आदि की मुर्तियां है।
इस मंदिर में जयपुर की महापौर सौम्या गुर्जर ने 101 किलो चांदी और 31 लाख रुपए नकद चढ़ायें थे।
मासी नदी के तट पर बना यह मंदिर पर्यटन की अपार पर्यटन की संभावना रखता है।

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शुक्रवार होता है विशेष
जोधपुरिया दरबार में हर शुक्रवार मेला जैसा माहौल रहता है इस लोग मन्दिर में पाती चढ़ाई जाती है।
भक्तों के सवामणी का आयोजन चलता रहता है।
इस दिन दरबार लोग मन्नतें मांगने आते हैं और मन्नत पूरी होने पर सवामणी का आयोजन करते हैं।

निःशुल्क भंडारे का आयोजन
हर दिन मन्दिर की और निशुल्क भंडारे का आयोजन किया जाता है।
मेला के आकर्षक केन्द्र
3 दिवसीय चलने वाले इस मेले में 8 बजे देवलीला पूर्ण होने पर काशी की थाली में भोपाजी द्वारा देव गाथा पर पर एक पैर पर नृत्य करते काशी की थाली पर भगवान अवतरित करते हुए देव दर्शन करते हैं।

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