नागौर ।( श्याम माथुर वरिष्ठ संवाददाता) जिले के जलदाय विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने राजस्थान वॉटर सप्लाई एंड सीवरेज कॉरपोरेशन (आरडब्ल्यूएसएससी) बनने के विरोध में चल रहे अपने आंदोलन को और तेज कर दिया है। संयुक्त संघर्ष समिति ने निर्णय किया है कि इंजीनियर और कर्मचारी सामूहिक अवकाश लेकर जलदाय विभाग के कार्यालय में विरोध प्रदर्शन करते हुए ताले लगा दिए है। सरकार के आदेश की कॉपी जलाई गई ।संयुक्त संघर्ष समिति ने 29 जुलाई को विधानसभा या मुख्यमंत्री आवास के घेराव की चेतावनी भी दी है ।प्रदेश सरकार जलदाय विभाग के कार्यों और कार्मिकों को निजी कंपनियों को देने जा रही है।इसके लिए आरडब्ल्यूएसएससी बोर्ड का नए सिरे से गठन किया जा रहा है। इस बोर्ड के गठन को रोकने के लिए जलदाय विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने संयुक्त संघर्ष समिति का गठन भी किया है। ७संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक अजय मीणा ने बताया कि राज्य सरकार की उदासीनता के चलते जलदाय विभाग के सभी इंजीनियर और कर्मचारी शुक्रवार को सामूहिक अवकाश लेकर नागौर में विरोध प्रदर्शन किया गया है ।. कर्मचारी यूनियन इंटक के अबास ने बताया कि इसके बाद भी 28 जुलाई तक सरकार कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लेती है, तो 29 जुलाई से जलदाय विभाग के सभी अधिकारी-कर्मचारी जल भवन जयपुर पर एकत्रित होकर प्रदेश स्तरीय आंदोलन के तहत विधानसभा या मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे । कर्मचरियो ने बताया कि सोमवार से पूरी तरह से पेन डाउन और फोन डाउन हड़ताल रहेगी। आपको बता दे कि राज्य सरकार की बजट 2024-25 की घोषणा के तहत जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (PHED) के समस्त कार्यों, कार्मिकों एवं पेयजल योजनाओं को आरडब्ल्यूएसएससी में हस्तांतरित करने की कार्यवाही प्रस्तावित की गई है। राज्य सरकार के इस निर्णय के विरोध में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारी-कर्मचारी संगठन संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले पूरे राज्य में 22 जुलाई से लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
जलदाय विभाग के कर्मचारियों ने निजीकरण का किया विरोध
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