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घड़साना एसडीएम कार्यालय में सीओ सहित कई पुलिसकर्मी 24 घंटे से बंधक

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किसानों ने किया 150 पुलिसकर्मियों को बंधक बनाने का दावा

मंत्री बीड़ी कल्ला की अध्यक्षता में चला बैठक का दौर

श्रीगंगानगर के किसान नेता और जनप्रतिनिधि रहे मौजूद

सरकार ने किसान समस्या का समाधान का भरोसा

रविवार को 50-60 पुलिसकर्मी रहे एसडीएम कार्यालय में

घड़साना । श्रीगंगानगर जिले के घड़साना में एक बार फिर किसानों का आंदोलन जोरों पर है ।इस बार किसानों ने डीसीपी सहित करीब डेढ़ सौ पुलिसकर्मियों को शनिवार को एसडीएम कार्यालय में बंधक बनाया था ,जो अभी तक भी कार्यालय में बंधक ही है। हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वह किसान आंदोलन के चलते ही एसडीएम कार्यालय में तैनात है और उन्हें किसी तरह से बंधक नहीं बनाया गया है। दूसरी ओर अनूपगढ़ के पूर्व विधायक, किसान नेता पवन दुग्गल का कहना है कि किसानों ने अपनी मांगों को लेकर एसडीएम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया था । किसानों ने एसडीएम कार्यालय का मुख्य द्वार बंद कर टाला लगा दिया था। मुख्यद्वार पर शनिवार से ताला जड़ा था जो तालारविवार भी जड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि जो कार्यालय के अंदर बंद रह गए वह बंद है। लेकिन उनके खाने-पीने का ध्यान किसान रख रहे है। हमने तो पुलिस वालों को बंधक बना रखा है, अब आप इसे बंधक माने या कोई और नाम दें । लेकिन किसान जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती है, तब तक एसडीएम कार्यालय का ताला नहीं खोलेंगे । किसान आर पार की लड़ाई लड़ने को तैयार है।

आईजीएनपी से सिंचाई का पानी देने की मांग

आपको बता दें कि आईजीएनपी से सिंचाई के लिए पानी देने की मांग को लेकर पिछले 7 दिनों से किसानों का महापड़ाव चल रहा है। जो आज भी जारी है। शनिवार शाम को 7:00 बजे किसान उग्र हो गए और किसानों ने घड़साना में एसडीएम कार्यालय के बाहर गेट पर ताला जड़ दिया। हालांकि ताला जड़ने से पूर्व एसडीम कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी, अधिकारी अपने घर जा चुके थे । लेकिन एसडीएम और अधीनस्थ अधिकारी और रायसिंहनगर के एडिशनल एसपी समेत डेढ़ सौ से ज्यादा पुलिसकर्मी कार्यालय के भीतर ही थे ,जिन्हें किसानों ने मुख्य द्वार पर ताला लगाकर अंदर बंद कर दिया । किसानो का कहना है कि हमने बंधक बना लिया अब ये लोग अगर ऑनर रास्तों से आ जा रहे है आ जा सकते है। इनके लिए थाने के मेस ही भोजन भिजवाया गया । किसानों का कहना है कि जब तक हमारी मांगों पर सकारात्मक विचार नहीं होता है ,तब तक वह एसडीएम कार्यालय का ताला नहीं खोलेंगे। जरूरत पड़ने पर अंदर बंद कर्मचारी ,अधिकारियों के खाने ,पीने, नाश्ते की व्यवस्था किसानों की ओर से होती रहेगी।

एसडीएम कार्यालय में बंद है पुलिसकर्मी

एसडीएम कार्यालय की दीवार 9-10 फिट ऊंची है। दीवार पर तारबंदी भी है । इसलिए दीवार फांद कर अंदर या बाहर आना-जाना आसान नहीं है । किसानों का कहना है कि मांग पूरी होने तक पुलिसकर्मियों को नहीं छोड़ेंगे।

प्रशासन डालना चाहता है टकराव

वहीं पुलिस और प्रशासन किसानों से किसी भी तरह का टकराव नहीं चाहता है। क्योंकि वर्ष 2004, 2006-7 मैं किसान और पुलिस पुलिस के बीच का टकराव सबने देखा है ।इसलिए प्रशासन भी टकराव डालना चाहता है । इसलिए प्रशासन ने एसडीएम कार्यालय के जो दूसरे रास्ते हैं उनका उपयोग लिया । किसानों की बात भी रह गई और प्रशासन प्रशासन के लोग भी आराम से आ जा रहे हैं । अब सोमवार को एसडीएम कार्यालय खोलना है, तब देखा जाएगा कि किसान और पुलिस प्रशासन किस तरह से समस्या को हल करते हैं ।फिलहाल तो किसान एसडीएम कार्यालय के मुख्य द्वार के बाहर धरने पर बैठे हैं और अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। पुलिस को किसानों ने बंधक बना रखा है जो सरकार के लिए कही न कहीं तमाचा है।

किसान नेताओं से सरकार की जयपुर में हुई वार्ता

दूसरी और जयपुर में बीकानेर के
प्रभारी मंत्री और जलदाय मंत्री बीड़ी कल्ला के साथ श्रीगंगानगर के जनप्रतिनिधियों के साथ पर वार्ता का दौर चलता रहा । बीडी कल्ला और मंत्री उदय लाल आंजना ने किसानों को आश्वस्त किया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर किसानों की समस्याओं को गंभीरता से रखा जा रहा है । जल्दी ही इंदिरा गांधी नहर से सिंचाई की समस्या का समाधान किया जाएगा। सरकार से वार्ता में गंगानगर के सांसद निहालचंद मेघवाल ,विधायक गुरमीत कुंन्नर, संतोष बावरी ,पूर्व विधायक सोना बावरी ,धर्मेंद्र मोची दौलत राम गायक सोहन लाल नायक कुलदीप इंदौरा, बल्लभ कोचर सहित कई नेता मौजूद रहे राज्य के मुख्य सचिव निरंजन आरे भी वार्ता मौजूद रहे।

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