उम्मेद भवन दे ,या किला भाजपा नहीं छोडूंगी -सूर्यकांता

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गहलोत सूर्यकांत मुलाकात के सियासी मायने

जोधपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर में भाजपा की वरिष्ठ विधायक सूर्यकांता व्यास से उनके आवास पर मुलाकात की । गहलोत और सूर्यकांता व्यास की यह शिष्टाचार मुलाकात थी । लेकिन विधानसभा चुनाव से पूर्व और हाल ही में सूरसागर से सूर्यकांता व्यास का बीजेपी ने टिकट काटकर नए व्यक्ति को टिकट दिया है, ऐसे में गहलोत का सूर्यकांता व्यास से मुलाकात करना सियासत के गलियारों में चर्चा का विषय रहा। लोगों का यहां तक कहना है कि मुख्यमंत्री गहलोत ने सूर्यकांता व्यास को कांग्रेस पार्टी में शामिल होने का नेता दिया है । हालांकि सूर्यकांता व्यास और खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इन कयासों को गलत बताते हुए कहा कि यह उनका सालों पुराना व्यवहार है ,जिसके कारण वह उनसे समय-समय पर बातचीत करते रहते हैं ।मुलाकात भी करते रहते हैं इसके कोई दूसरे मायने नहीं निकले जाने चाहिए । दूसरी और सूर्यकांता ने कहा की हमारी इस विषय में कोई बातचीत नहीं हुई है । सूर्यकांता व्यास बोली में भाजपा में है भाजपा में थी और भाजपा में रहेगी गहलोत ने कहा कि विधानसभा चुनाव के मध्य नजर उनसे आशीर्वाद लेने गया था और यह उनकी शिष्टाचार मुलाकात थी इससे पूर्व गहलोत में एक बयान में कहा था कि सूर्यकांता व्यास को मेरी तारीफ करना महंगा पड़ गया और पार्टी ने उनकी टिकट काट दी।

उम्मेद भवन दे या किला पार्टी नहीं छोडूंगी सूर्यकांता

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सूर्यकांत से मुलाकात के बाद कई तरह की चर्चाएं जोड़ों पर है। लेकिन इस बीच सूर्यकांता व्यास ने कहा कि गहराई से उनके पारिवारिक संबंध और वह हमेशा घर आते रहते हैं, यह कोई नई बात नहीं है, हम भी जाते हैं, हमारी और उनके बीच किसी तरह की राजनीतिक चर्चा नहीं हुई है । आज भी हमारी मुलाकात रावण दहन के दौरान हुई थी तब उन्होंने कहा था कि मैं घर आऊंगा तो देर रात में मेरे घर पहुंचे। उन्होंने कोई राजनीतिक चर्चा नहीं की यह सिर्फ लोगों के और मीडिया के कयास है। मैं भाजपा की वरिष्ठ कार्यकर्ता हूं और कार्यकर्ता रहूंगी ,पार्टी ने टिकट काट दिया हो उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है । मेरा कांग्रेस में जाने का कोई इरादा नहीं है। सूर्यकांत ने तो यहां तक कह दिया कि कोई मुझे उम्मीद भवन या किला भी दे, दे तब भी मैं पार्टी नहीं छोडूंगी और मेरे साथ मुख्यमंत्री से ऐसी कोई चर्चा ही नहीं हुई तो फिर इस तरह की बात ही क्यों ?मुझे पार्टी ने बहुत मान सम्मान दिया है ,पार्टी ने सोच समझकर ही टिकट काटा होगा ,उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है । इसलिए इस पर किसी तरह की चर्चा नहीं की जाए।

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