डॉ. पीयूष त्रिवेदी -आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी
सेहतमंद रहने के लिए अक्सर लोग काफी जतन करते हैं, लेकिन बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जो अपने खून को स्वस्थ रखने के लिए काम करते हैं। जी हां, शरीर के तमाम अंगों के साथ ही खून की सेहत का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है। खून का गाढ़ा होना या फिर इसमें थक्के जमना जानलेवा हो सकता है। गाढ़ा खून हार्ट अटैक, स्ट्रोक आदि के खतरों को बढ़ाता है। हालांकि खून को पतला और सेहतमंद रखना काफी आसान है। आप अपने खाद्य पदार्थों में खून को पतला करने वाले सुपर फूड्स शामिल कर सकते हैं। थक्कारोधी गुणों से भरपूर ये पदार्थ प्लेटलेट्स के एकत्रीकरण को रोककर रक्त में थक्के जमाने वाले कारकों के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। आइए जानते हैं ऐसे खाद्य पदार्थों के विषय में जो आपके खून को प्राकृतिक रूप से पतला कर सकते हैं।
- लहसुन,
लहसुन सेहत के लिए बहुत लाभकारी है। इसमें ऐसे यौगिक होते हैं जो रक्त के थक्के बनने में शामिल प्रोटीन फाइब्रिनोजेन के उत्पादन को कम करते हैं। इससे रक्त पतला रहता है और उसमें थक्के नहीं जमते हैं।
- अदरक,
अदरक को आयुर्वेद में भी बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। इसमें जिंजरोल्स नामक प्राकृतिक सूजनरोधी यौगिक होते हैं। जिंजरोल्स के कारण प्लेटलेट एकत्रीकरण कम होता है। जिससे रक्त पतला रहता है और स्वस्थ रक्त परिसंचरण को बनाए रखने में मदद मिलती है।
- हल्दी,
भारतीय रसोइयों का यह अहम मसाला कई रोगों की अचूक दवा है। हल्दी में करक्यूमिन नामक महत्वपूर्ण तत्व होता है। करक्यूमिन, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है। इससे रक्त में थक्के नहीं जमते हैं और शरीर में रक्त का प्रवाह भी अच्छा रहता है। - विटामिन सी से भरपूर फल,
विटामिन सी हमारे शरीर के लिए बहुत लाभदायक होता है। ऐसे में संतरे, नींबू, अंगूर, कीवी जैसे खट्टों फलों का नियमित सेवन करना चाहिए। इन फलों में विटामिन सी के साथ ही बायो फ्लेवोनॉयड्स भी भरपूर मात्रा में होते हैं। ये दोनों ही शरीर की कोशिकाओं की दीवारों को मजबूत बनाते हैं, उनकी सूजन को दूर करते हैं। जिसकी मदद से खून में थक्के नहीं जम पाते और खून आसानी से शरीर में प्रवाहित होता है।
- ग्रीन टी,
ग्रीन टी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। इसमें मौजूद कैटेचिन नामक तत्व रक्त को पतला करके उसमें थक्के बनने से रोकता है। कैटेचिन रक्त के थक्के बनने में शामिल दो प्रमुख प्रोटीन फाइब्रिनोजेन और थ्रोम्बिन को बाधित करके काम करता है। फाइब्रिनोजेन एक रक्त प्रोटीन है जो थक्के बनाने में मदद करता है। वहीं थ्रोम्बिन एक एंजाइम है जो फाइब्रिनोजेन को फाइब्रिन में बदलता है। कैटेचिन फाइब्रिनोजेन और थ्रोम्बिन के उत्पादन को कम करके रक्त के थक्के बनने को रोकते हैं। साथ ही इसके नियमित सेवन से कोशिकाओं में रक्त का प्रवाह भी अच्छा होता है। - डार्क चॉकलेट,
अगर आप अपने खून को पतला और स्वस्थ रखना चाहते हैं तो सीमित मात्रा में डार्क चॉकलेट का सेवन आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। डार्क चॉकलेट में फ्लेवोनॉयड्स नामक यौगिक होते हैं जो एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करते हैं। फ्लेवोनॉयड्स रक्त के थक्के बनने की प्रक्रिया को धीमा करके रक्त को पतला करने में मदद करते हैं।
डॉ. पीयूष त्रिवेदी आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी,राज विधानसभा जयपुर।
9828011871.