लोक टुडे न्यूज नेटवर्क
जयपुर ।राजस्थान में तीनों डिस्कॉम्स के ( FM ) फीडर मेनेजर की पोस्ट को खत्म करकें कनिष्ठ अभियंता व सहायक अभियंताओं के ऊपर 4 सालों का एडवांटेज देंकर सहायक अभियंता की सीनियर्टी मे समायोजित कर दिया गया, वो वर्तमान मे अधिकांश अधिशाषी अभियंता है, तब कोई विवाद नहीं हुआ, जबकि इन्टर डिस्कॉम तबादलो के लिए इन्टर डिस्कॉम संघर्ष समिति के पहले ही प्रर्दशन के दौरान हमनें साफ कर दिया था, कि हम सीनियर्टी छोड़ने के लिए भी तैयार है, क्योंकि सीनियर्टी से ज्यादा महत्वपूर्ण है इन्टर डिस्कॉम तबादला एंव अन्य कैडर्स में इन्टर डिस्कॉम तबादला चाहने वाले कार्मिकों के लिए जो जिस वर्ष मे भर्ती हुयें है, वो उस वर्ष में सबसें नीचे आने के लिए बाध्य रहेगा, इसके लिये शपथ पत्र भी प्रस्तुत करेंगा, लेकिन बाबजूद इसके बिजली कार्मिकों की लाशों पर राजनीति की जा रही हैं, कुछ बिजली विभाग के ही संगठनों के नेताओं कि राजनीति खतरें में हैं, कुछ अधिकारियों कि नीयत भी ठीक नही है, बाकी तबादलो मे सीनियर्टी सभी विभागों मे लेप्स होती है, लाडनूं अन्तरण स्कीम मे सीनियर्टी को समायोजित कर दिया तब विवाद नही हुआ, अन्य राज्यों मे इन्टर डिस्कॉम तबादलो पर सीनियर्टी पर विवाद नहीं होता है, गहलोत सरकार मे पंचायत सहायकों की तबादला नीती बन गयी, वहां कोई विवाद नहीं हुआ, समझने वाली बात है, जिनके टाइम बोन्ड प्रमोशन उसकी कैसी सीनियर्टी, यदि फिर भी निगम प्रशासन व भजनलाल सरकार को समझ नही आता की सीनियर्टी कैसे समायोजित करें तो एक दिन हमें दें दो सीनियर्टी समायोजित करने का काम हम सीनियर्टी को समायोजित करके दे देंगें फिर आप इन्टर डिस्कॉम तबादला कर देना मंत्री महोदय।