खींवसर ब्लॉक मुख्यालय पर हुआ राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का राज्य स्तरीय कार्यक्रम
राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने बच्चों को कृमि नाशक दवाई खिलाकर किया कार्यक्रम का शुभारंभ
नागौर। श्याम माथुर वरिष्ठ संवाददाता लोक टुडे न्यूज नेटवर्क आपणां टाबर देश रो भविष्य है, भारत ने नवनिर्माण मांय आपणी नुवीं पीढ़ी रो घणो योगदान हुसी, इण वास्ते टाबरां अर किशोर-किशोरयां रे स्वास्थ्य रो ध्यान राखणो घणो जरूरी है। पेट रे मांय कीड़ा सूं मुक्ति भी टाबरां रे स्वास्थ्य वास्ते जरूरी है, इण वास्ते सरकार अगस्त महीनां री 10 तारीख ने गांव-ढाणी तक कृमि मुक्ति दिवस मनावे।
कृमि अस्वछता और गदंगी सूं फैले है अर संक्रमित मिट्टी सूं संचारित हुवै और पेट में कीड़ा होवण सूं टाबरां मांय कई तरह की बीमारियां होवण रो डर रैवे। इण वास्ते टाबरां ने साल-छह महीनां सूं एक बार कृमि मुक्ति री दवा जरूर देवणी चाइजै। आ खुशी अर गर्व री बात है कि इण साल 2024 री 10 अगस्त नै कृमि मुक्ति दिवस जेड़े राष्ट्रीय कार्यक्रम री शुरूआत म्हारे गांव खींवसर सूं करीजी हैं। ठेट अपनी मायड़ भाषा में आमजन से यह संवाद राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री गजेन्द्रसिंह खींवसर ने किया। यह अवसर राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के राज्य स्तरीय कार्यक्रम का था, जो नागौर जिले के राजकीय अस्पताल, खींवसर परिसर में आयोजित किया गया।
यहां भगवान धनवंतरी के तेल चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवल करने के बाद मुख्य अतिथि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्रसिंह खींवसर ने 1 से 19 वर्ष तक की आयु वर्ग के बच्चों तथा किशोर- किशोरियों को एलबेंडाजॉल की गोली खिलाकर कृमि मुक्ति दिवस के राज्य स्तरीय कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस मौके पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस साल कृमि मुक्ति दिवस पर राज्य में 1 वर्ष से 19 वर्ष तक के लगभग 3.33 करोड़ बच्चों व किशोर-किशोरियों को कृमि मुक्ति की दवा खिलाई जानी है। उन्होंने कहा कि कृमि संक्रमण बच्चों के शारीरिक विकास, हीमोग्लोबिन स्तर, पोषण और बौद्धिक विकास पर भी हानिकारक प्रभाव डालता है। ऐसे में निश्चित समयांतराल पर कृमि मुक्ति (डिवर्मिंग) करने से कृमि संक्रमण (पेट के कीडो की समस्या) के फैलाव को रोका जा सकता है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने टीम हैल्थ राजस्थान को कार्यक्रम की सफलता की मंगलकामनाएं भी दी।
कार्यक्रम में डॉ. सुनीतसिंह राणावत, निदेशक आरसीएच, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग राजस्थान ने कहा कि यह हर्ष और गर्व की बात है कि कृमि मुक्ति दिवस जैसे राष्ट्र व्यापी कार्यक्रम की शुरूआत राजस्थान में खींवसर की धरा से की गई और वो भी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्रसिंह खींवसर द्वारा बच्चों को एलबेंडाजॉल की दवा खिलाकर। डॉ. राणावत ने कहा कि कृमि संक्रमण बच्चों के शारीरिक विकास, हिमोग्लोबिन स्तर, पोषण एवं बौद्धिक विकास के लिए उन्हें कृमि मुक्त रखना जरूरी है। आरसीएच निदेशक डॉ. राणावत ने बताया कि पेट में कीड़े (कृमि) से निजात दिलाने वाली एल्बेंडाजॉल की दवा प्रदेश के सभी विद्यालयों, महाविद्यालयों और आंगनबाड़ी केन्द्रों पर निःशुल्क खिलाई जायेगी। इस अभियान के दौरान छूटे बच्चों को कृमिनाशक दवा खिलाने के लिए 17 अगस्त को मॉपअप दिवस आयोजित किया जाएगा ताकि एक भी बच्चा यह दवा खाने से नहीं छूटे।
इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरूआत में मुख्य अतिथि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्रसिंह खींवसर का निदेशक, आरसीएच डॉ. सुनीतसिंह राणावत, परियोजना निदेशक, बाल स्वास्थ्य डॉ. प्रदीप चौधरी, संयुक्त निदेशक अजमेर जोन डॉ. सम्पतसिंह जोधा तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राकेश कुमावत ने माला व साफा पहनाकर तथा स्मृति चिन्ह व मुख्यमंत्री के हरियालो राजस्थान की संकल्पना के प्रतीक के रूप में पौधा भेंटकर अभिनंदन किया। इस अवसर पर खींवसर पंचायत समिति की प्रधान सीमा बीड़ियासर, ग्राम पंचायत खींवसर की सरपंच राजू देवी को भी पौधा व स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद संयुक्त निदेशक डॉ. सम्पतसिंह जोधा ने ज्ञापित किया।
कार्यक्रम में कृमि मुक्ति कार्यक्रम के जिला नोडल व अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शीशराम चौधरी, खींवसर के खण्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जे.के. सैनी, एनएचएम के जिला कार्यक्रम अधिकारी राजीव सोनी, जिला लेखा प्रबंधक जीवनपाल, एपीडेमोलॉजिस्ट साकिर खान, एफसीएलओ सादिक त्यागी, एनीमिया मुक्त राजस्थान अभियान के जिला समन्वयक मालसिंह चारण, एनएचएम के बीपीओ दिनेश कुमार सेवग सहित टीम हैल्थ नागौर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व आशा सहयोगिनी सहित बड़ी संख्या में आए बच्चों, किशोर-किशोरी, युवा व गणमान्य जनों ने भाग लिया।