वसुंधरा राजे नाराजगी के चलते अटकी पहली सूची

जयपुर। राजस्थान में भाजपा उम्मीदवारों की पहली सूची की उम्मीद लगाए बैठे नेताओं को अभी और इंतजार करना होगा। माना जा रहा है कि भाजपा की पहली सूची अब श्रद्ध बाद ही जारी हो सकेगी। पीएम मोदी की सभा के बाद राजस्थान में हालात बदले बदले से नजर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि पीएम मोदी की सभा में वसुंधरा राजे की उपेक्षा के बाद से जो सूची 15 दिन पहले दिल्ली में तैयार कर ली गई थी। जिस पर करीब 67 नाम पर सहमति बन चुकी थी। उन पर जयपुर में 2 दिन की मैराथन बैठकों के बावजूद अमित शाह और जेपी नड्डा भी निर्णय नहीं कर सके। बताया जा रहा है कि बैठक में भी अमित शाह ने इशारों इशारों में सीनियर नेताओं को यह कह दिया कि वे पार्टी के अनुशासन बनाक रहे ।पार्टी से इतर कुछ नहीं है। जाहिर तौर पर उनका साफ इशारा पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और दूसरे उन नेताओं की तरफ था जो पार्टी से अलग हटकर अपने आप को मुख्यमंत्री का असली चेहरा मानकर चल रहे
है।

पार्टी दो गुटों में बंटी भाजपा राजस्थान इस समय खुलकर दो गुटों में बट गई है ।भाजपा का एक धड़ा यह मानकर चल रहा है कि राजस्थान में चुनाव पीएम मोदी के नेतृत्व में लड़ा जाए और प्रदेश के किसी भी नेता का नाम मुख्यमंत्री के तौर पर पेश नहीं किया जाए । पार्टी की जीत के आने के बाद किसी को भी मुख्यमंत्री घोषित किया जा सके। इस गुड के नेताओं का मानना है कि राजस्थान में एक बार कांग्रेस एक बार भाजपा का शासन आता है ऐसे में इस बार नेता भले कोई भी नहीं हो जितनी भाजपाई है इसलिए किसी को भी मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं बनाया जाए ।दूसरे गुट का मानना यह है कि राजस्थान में बगैर वसुंधरा राजे के भाजपा चुनाव जीतने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में वसुंधरा राजे को ही मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया जाए और चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा जाए ।

बताया जा रहा है की पहली सूची को लेकर अमित शाह और जेपी नड्डा आश्वस्त थे कि थे कि इस पर आज मोहर लगा देंगे और इन नाम की घोषणा कभी भी हो जाएगी ।हालांकि टिकटो के वितरण को लेकर पार्टी ने ए.बी.सी और डी श्रेणियां बनाई है ।इन श्रेणियां के आधार पर भाजपा टिकटों की घोषणा भी करेगी। लेकिन पहले सूची जो जारी होने की उम्मीद पाले बैठे थे ।कई मीडिया के साथियों ने ऐलान भी कर दिया था कि भाजपा की पहली सूची बुधवार की रात को ही जारी हो जाएगी। लेकिन वह गुरुवार की रात को भी जारी नहीं हो सकी ।अब मान जा रहा है कि यह सूची नवरात्रों में जारी होगी। कुछ लोगों का यहां तक कहना है कि बैठक के दौरान भी पार्टी के नेताओं के बीच की दूरियां साफ तौर पर देखी गई । जिस पर अमित शाह और जेपी नड्डा ने कहा कि ऐसे कैसे चुनाव जीतेंगे? सभी मुख्यमंत्री बन जाओगे क्या ?तुम्हारी परिवर्तन यात्रा की सभाओं में भीड़ नहीं जुट रही है और सारे मुख्यमंत्री बनने के सपने देख रहे हो। इस तरह से तल्ख भाषा में अमित शाह ने नेताओं की क्लास ली । और कहा कि पहले चुनाव जीतो उसके बाद तय करेंगे किसको मुख्यमंत्री बनाना है । मुख्यमंत्री कौन बनेगा इसका निर्णय तो पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व करेगा और विधायकों की राय करेंगी ।इस तरह की तीखी और नाराजगी भरी लहजे में टिप्पणी पहली बार अमित शाह ने राजस्थान में बैठक के दौरान की। सूत्रों का कहना है कि इस तरह अमित शाह काफी नाराज नजर आए और उन्होंने भला बुरा भी कहा । शाह ने नेताओं को फटकार भी लगाई। लेकिन बताया जा रहा की वसुंधरा राजे ने भी बैठक के दौरान अपना रुख साफ कर दिया और वह पार्टी में उनकी लगातार की जा रही उपेक्षा से नाराज नजर आई। उन्होंने साफ तौर पर कहा बताया की नई नवेले नेताओं को आगे किया जा रहा है । जिन्होंने पार्टी को इतने सालों से सींचा है, तैयार किया है ,उन लोगों को बिल्कुल अलग-अलग क्यों किया जा रहा है ,यह समझ से परे है । और जब टिकटों के फाइनल की बात आई तो वह राजे ने इस पर सहमति नहीं जताई और उनकी सहमति नहीं जताने के कारण ही पहली सूची जारी होते-होते रुक गई । बताया जा रहा है किसका मुख्य कारण यह भी माना जा रहा है कि जब पार्टी जीतती है तो चेहरा पीएम मोदी के बांध दिया जाए और पार्टी की हर हो तो ठीक रहा राजे पर फोड़ दिया जाए ? इसलिए वसुंधरा राजे ने इस पर सहमति नहीं दी। माना जा रहा है कि अब इस विषय पर एक बार फिर दिल्ली में बैठक होगी और इस बैठक में भी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पार्टी की कोर कमेटी के सदस्य भाग लेंगे । फिर ही अंतिम निर्णय किया जाएगा । जहां तक डी कैटेगरी की सीटों की बात है तो इन पर भाजपा पहले कांग्रेस के उम्मीदवारों की घोषणा का इंतजार करेगी। उसके बाद बसपा और आरएलपी के उम्मीदवारों की घोषणा का भी इंतजार करेगी। फिर भाजपा को लगेगा कि कांग्रेस ने जो टिकट मांग रहा था उसको टिकट नहीं दिया या अन्य कोई जीतने की संभावना वाला व्यक्ति होगा उसे ही पार्टी टिकट दे देगी। पार्टी जातीय समीकरण के आधार पर उस सीट से टिकट दे देगी। फिलहाल तो अमित शाह और जेपी जेपी नड्डा 2 दिन की मैराथन बैठकों के बावजूद किसी भी तरह के नतीजे पर नहीं पहुंचे। मोटा-मोटी उन्होंने कुछ बातें तय की है प्रदेश के नेताओं को भी फटकार लगाई है और अब इस विषय पर दिल्ली में चर्चा के बाद ही पहली सूची की घोषणा करेंगे। फिलहाल तो जेपी नड्डा और अमित शाह ने सभी नेताओं को अनुशासन बनाए रखने की बात कही है।