जयपुर। नई दिल्ली। सी बी आई ने 209 करोड़ रु.की बैंक धोखाधड़ी के मामलें में चार्टेड अकाउन्टेंट; व्यापारी, अन्य निजी व्यक्तियों; सिंडिकेट बैंक के तत्कालीन सहायक महाप्रबन्धक; तत्कालीन प्रबन्धक; निदेशकों/साझीदारों के माध्यम से तीन निजी फर्मों सहित 18 आरोपियों के विरुद्ध सी बी आई मामलों के विशेष न्यायधीश की अदालत, जयपुर (राजस्थान) के समक्ष आरोप पत्र दायर किया। सीबीआई ने 209 करोड़ के घोटाले में निम्न लोगों को खिलाफ चार्जशीट पेश की है । सीबीआई के अनुसार चार्टर्ड अकाउंटेंट भरत बम ,पवित्रा कोठारी ,अनूप भरतरिया ,प्रतिज्ञा सिद्धि, सिंडिकेट बैंक के एजीएम आदर्श मनचंदा ,सिंडिकेट बैंक के मैनेजर महेश गुप्ता , अन्य कमल शर्मा, महेंद्र मेघवाल ,रवि प्रकाश शर्मा ,ओपी शर्मा, दिलीप कुमावत, कमल अत्रे, सतीश खंडेलवाल ,गौरव, विक्रम जैन, दौलत राज कोठारी, रिद्धिमा इन्फ्राट्रक्चर और सिद्धि सिद्धि बिल्डर्स के डायरेक्टर को आरोपी माना गया है।
सी बी आई ने सिंडिकेट बैंक, क्षेत्रीय कार्यालय, जयपुर से प्राप्त शिकायत के आधार पर छः निजी व्यक्तियों जिसमें चार्टेड अकाउन्टेंट, व्यापारी आदि; सिंडिकेट बैंक के दो तत्कालीन सहायक महाप्रबन्धको; दो मुख्य प्रबन्धकों एवं अन्य अज्ञात लोक सेवक/निजी व्यक्ति शामिल हैं। , इनके खिलाफ सिंडिकेट बैंक का अधिकारी-कर्मचारियों से मिलीभगत करके 209 करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी का मुकदमा 23.03.2017 को एक दर्ज किया गया था ।
शिकायत में यह आरोप है कि सिंडिकेट बैंक की तीन शाखाओं एम. आई. रोड शाखा, जयपुर, मालवीय नगर शाखा, जयपुर तथा उदयपुर शाखा द्वारा 118 ऋण खातें मंजूर किए गए और भुगतान किए गए। ये 118 ऋण खाते वर्ल्ड ट्रेड पार्क (डब्ल्यू टी पी) में व्यवसायिक सम्पत्ति, ओ डी लिमिट्स एवं विदेशी साख पत्र (Foreign Letters of Credit – FLCs) को खरीदने के लिए थे। आगे यह आरोप हे कि उदयपुर (राजस्थान) के चार्टेड अकाउन्टेंट भरत बम्ब ने अपने कर्मचारियों तथा अन्यों के साथ मिलकर सिंडिकेट बैंक की एम आई रोड शाखा, जयपुर; मालवीय नगर शाखा, जयपुर तथा उदयपुर शाखा के कर्मियों के साथ षड़यंत्र रचा और कई साख सुविधाओं की मंजूरी प्राप्त की। इससें आरोपियों ने जाली एवं बनावटी दस्तावेजों, बिलों, कोटेशन्स और प्रमाण पत्रों आदि के आधार पर बैंक के साथ 209.93 करोड़ रु. (लगभग) की धोखाधड़ी की। यह भी आरोप है कि उधार लेने वालों में से कई, सी ए एवं अन्यों के मालिकाना हक वाली फर्मों में सामान्य कर्मचारी थे और इस तरह के उच्च राशि के ऋणों के लिए योग्य नही थे।जॉच के दौरान, पाया गया कि उक्त षड़यंत्र के क्रम में सी ए, निजी व्यक्ति (व्यापारी) तथा अन्यों ने उधार लेने वालों की बढ़ी हुई आय दर्शाते हुए जाली इनकम टैक्स रिटर्न्स; जाली कोटेशन्स, इनवाइसेस, क्रय आदेशों एवं कार्य आदेशों; जाली सी ए प्रमाण पत्रों और ऑडिटेड वित्तीय विवरणों के आधार पर वर्ल्ड ट्रेड पार्क लिमिटेड, जयपुर स्थित व्यवसायिक सम्पत्तियों/ईकाईयों को खरीदने के लिए सावधि ऋणों को प्राप्त करने हेतु सिंडिकेट बैंक एम आई रोड शाखा, जयपुर के शाखा कर्मियों से कथित रुप से सम्पर्क किया। यह भी आरोप है कि तत्कालीन प्रबन्धक, सिंडिकेट बैंक, एम आई रोड शाखा ने सिफ़ारिश की और तत्कालीन सहायक महाप्रबन्धक/शाखा प्रमुख, सिंडिकेट बैंक, एम आई रोड शाखा ने बैंक के दिशानिर्देशों के उल्लंघन में एवं यथोचित परिश्रम के बिना ही कई साख सुविधाएँ मंजूर कर दी। उक्त बैंक कर्मियों ने कथित रुप से व्यवसायिक सम्पत्तियों की खरीद के लिए, एफ एल सी, गृह ऋणों, ओ डी सीमाओं एवं वर्किग कैपिटल टर्म लोन्स उक्त आरोपियों से जुड़े कई व्यक्तियों, फर्मो और कम्पनियों को मंजूर कर दी। विभिन्न स्थानों पर स्थित आरोपियों के परिसरों में तलाशी ली गई। इन सबसे साबित हो गया कि इन्होंने 209.93 करोड़ रूपए की धोखाधड़ी की। अन्य आरोपियों की भूमिका का पता लगाने के लिए आगे की जॉच को जारी रखा गया है।
अनूप भरतिया समेत 18 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने 209 करोड़ के सिडिकेंट घोटाले में चालान पेश किया
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