मैं करौली जिले का रहने वाला हूं मेरे 80 वर्षीय पिता कोमा में थे यहां हॉस्पिटल में लाकर इलाज करवाया। पिताजी को आज शाम 5:00 बजे होस आया। उन्होंने बड़े प्राइवेट चमचमाते अस्पताल के तामजाम को देख कर मुझसे पूछा बेटा इतने महंगे हॉस्पिटल में मेरा इलाज करा रहे हो? पैसा कहां से आएगा? सारा पैसा तो मेरे इलाज पर खर्च कर दिया अब परिवार का क्या होगा ?बच्चों का क्या होगा? तो मैंने पिताजी को बताया पिताजी यह अशोक गहलोत सरकार है इसमें किसी भी बीमारी के इलाज का पैसा नहीं लगता है। यहां सरकारी और अधिकांश प्राइवेट अस्पतालों में भी 10 लाख रुपये तक का इलाज फ्री में होता है। जब यह बात मैने मेरे पिताजी को सुनाई तो उनकी आंखों से आंसू आ गए और उनके मन ही मन गहलोत के लिए आशीर्वचन निकलने लगे। ये बात अस्पताल में निरीक्षण के दौरान एक मरीज के परिजन ने जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से कहे जिसे सुनकर खुद अशोक गहलोत भी काफी भावविहील हो गए।
मुख्यमंत्री से बातचीत में धर्म सिंह ने कहा कि मेरे पिताजी हरगोविंद मीणा अनपढ़ है और गांव में खेती करके ही गुजारा करते हैं । कभी जिंदगी में किसी हॉस्पिटल में भर्ती नहीं रहे । अब जब बीमार हुए तो अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल देखकर यहां का इलाज देखकर वे काफी खुश है और बीमारी में भी आराम मिलने से उनके हाथ गहलोत को दुआएं देते थकते नहीं है। इस तरह के निशुल्क योजना से न केवल हरगोविंद लाभ उठा रहे है उन जैसे हजारों मरीज मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना का लाभ उठा रहे हैं। जो लोग पैसे के अभाव में बच्चे ,अपने माता-पिता को बीमार होने पर बहुत इलाज नहीं करा पाते है अब वे थोड़ा सा भी स्वास्थ्य खराब होने पर सीधे अस्पताल दिखाते है । जहां उनका इलाज, दवा और जांच सब फ्री हो रही है। बस थोड़ी सी मॅानिटरिंग की जरुरत है। जहां कमियां है उन्हें सुधारने की जरुरत है। जिससे लोगों को इलाज मिल सके। सरकार का प्रयास सफल हो सके।