जयपुर । सालों से पढ़ाना- लिखना छोड़कर बाबू गिरी करने वाले प्रतिनियुक्ति पर तैनात मास्टरों को अब अपने मूल विभाग में ही सेवाएं देनी पड़ेगी वरना वेतन नहीं मिलेगा। मास्टर के लिए भर्ती हुए सैकड़ो लोग प्रतिनियुक्ति पर अलग अलग विभागों में सेवाएं दे रहे हैं।
जुगाड़ से डटते है प्रतिनियुक्ति पर
मास्टर जी का काम तो था बच्चों को पढ़ाना दिखाना लेकिन इन्होने अपनी अप्रोच से मूल काम को छोड़ दिया। सैकड़ों मास्टर जी जयपुर के कई विभाग में बाबू गिरी करते हैं दिखाई देते हैं ।
मास्टर जी बड़े जुगाड़ू है जब सूबे में बीजेपी की सरकार होती है तो उनसे बड़ा कोई संघनिष्ट कोई नहीं होता और जब कांग्रेस की की सरकार आती है तो वे खानदानी कांग्रेसी बन जाते है। अगर उनका ये तर्क फेल हो जाता है तो फिर वे लोग कभी मंत्री जी की जाती के बन जाते हैं, तो कभी उनके समर्थक बन जाते जब ये जुगाड़ फेल हों जाता है तो वे पैसों से जुगाड़ कर लेते हैं। लेकिन मूल विभाग में नहीं जाना चाहते।
गांवों या दूसरे जिले में जाने से बचते हैं
असल दरअसल मास्टर जी राजधानी छोडना नहीं चाहते ।बच्चों का मोह इसकी अनुमति नहीं देता । स्कूल में पढ़ाने की आदत छूट गई है। राजधानी जयपुर की ही किसी ने किसी विभाग में बैठकर बाबू गिरी करते हैं ।लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा । हाल ने शिक्षा विभाग के प्रमुख शासन सचिव पी के गोयल नेप्रतिनियुक्ति पर लगे मास्टरों को 21 जून तक अपने विभाग में जॉइन करने के निर्देश दिए हैं। ऐसा नहीं करने पर वरन रोकने के निर्देश दिए है।