नकल गिरोह के आरोपियों की संपत्तियों पर चले बुलडोजर, नौकरियों से हो बर्खास्त, अभ्यर्थियों के परिजनों पर भी हो कार्रवाई

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जयपुर। राजस्थान में एक के बाद एक लगातार हो रहे पेपर लीक प्रकरण में अब सरकार को सख्ती बरतने की जरूरत है। पेपर लीक गिरोह से जुड़े हुए लोग पैसों के लालच में लाखों बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं और उन बच्चों का सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है ,जो इन परीक्षाओं की तैयारी गंभीरता के साथ करते हैं। लेकिन इस तरह के गिरोह से जुड़े हुए लोग पैसों के लालच में परीक्षाओं के साथ खिलवाड़ करते हैं । अब तक करीब 17 परीक्षाएं रद्द हो चुकी है । ऐसे में करोड़ों रुपया छात्रों का बर्बाद हो चुका है और उनका समय भी खराब हो चुका है । ऐसी स्थिति में सरकार को सिर्फ गिरोह से जुड़े हुए लोगों को गिरफ्तार करके खानापूर्ति कर करने की बजाय उन्हें उत्तर प्रदेश की तर्ज पर शक्ति बरतनी पड़ेगी।

संपत्ति पर चले बुलडोजर

नकल गिरोह के सरगना की संपत्तियों पर जब तक बुलडोजर नहीं चलेगा । संपत्ति जप्त और कुर्क नहीं होगी, तब तक इनके हौसले बुलंद रहेंगे। राजस्थान में पास एक्ट में हैबीचूअल अफिभिंडर्स की संपत्ति कुर्क करने का ही आदेश है । विभाग की ओर से पास एक्ट में कुछ संशोधन का प्रस्ताव भेजा गया है । ताकि पहली बार पेपर लीक करने वालों को भी पास एक्ट में गिरफ्तार किया जा सके। अधिकांश लोगों का कहना है कि इससे जुड़े सरगना पैसों के लालच में ही इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं । ऐसे में सरकार को इस तरह के मामले में पहली बार पकड़ कर दूसरी बार पकड़ा जाए । सबसे पहले उसकी संपत्ति पर बुलडोजर चलाना चाहिए और उसकी संपत्ति को जप्त कर देना चाहिए । जिससे भविष्य में वस्त्र की गलती नहीं करें वहीं दूसरी ओर यदि कोई गिरोह का आरोपी सरकारी सेवा में है , तो उसको सेवा से बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए । उसके खिलाफ आपराधिक मुकदमा चले सो अलग है जब तक सरकार इस तरह की कार्यवाही नहीं करेगी, तब तक इस तरह के गिरोह पनपते रहेंगे और राजस्थान में पेपर लीक प्रकरण को कोई रोक नहीं सकेगा।

अभ्यर्थियों और उनके परिजनों के खिलाफ भी हो कार्यवाही

नकल करते पकड़े जाने पर सरकार को उन अभ्यर्थियों को उम्र भर के लिए डी बार कर देना चाहिए । सभी परीक्षाओं के लिए उसे निषेध कर देना चाहिए । इसके साथ ही नकल के दोषी पाए जाने पर अभ्यर्थियों के परिजनों के खिलाफ भी आपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज होने चाहिए और यदि उसके परिजन जो अपने बच्चे बेटे या बेटी को पास करवाने के लिए 1000000 ₹2000000 दे रहे हैं। उन्हें सरकारी सेवा से तुरंत बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए। यदि कोई प्राइवेट सेवा में है तो उनकी संपत्तियों जब की जानी चाहिए। क्योंकि कहीं ना कहीं अभ्यर्थियों से ज्यादा दोषी तो उनके अभिभावक है ,जो अपने बच्चों को गैरकानूनी तरीके से सरकारी सेवा में भेजना चाहते हैं। इसलिए केवल अभ्यर्थियों खिलाफ मुकदमा दर्ज करने से ही काम नहीं चलेगा। बल्कि अभ्यर्थियों के लिए पैसा देने वाले उनके अभिभावकों की खिलाफ भी आपराधिक मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए । क्योंकि असली मूल कारण वहीं है , जो अपने बच्चों को सरकारी सेवा में गैर कानूनी तरीके से सेलेक्ट करवा कर दूसरे बच्चों के साथ खिलवाड़ करते हैं और पूरी व्यवस्था पर तमाचा मारते हैं, जब तक सरकार इस दिशा में कार्रवाई नहीं करेगी तब तक भी यह गिरोह प्राप्त करेंगे।

कोचिंग सेंटर पर शिकंजा

अधिकांश नकल गिरोह ,कोचिंग संस्थानों के डायरेक्टरों की मिलीभगत सामने आ रही है । कई कोचिंग सेंटर तो स्टूडेंट्स को स्टांप पर एफिडेविट लिख कर देते हैं ,कि वह नौकरी लगाने की गारंटी देते है, नहीं तो पैसा वापस। जब कोई कोचिंग सेंटर इस तरह का दावा करें तो जाहिर सी बात है कि उस कोचिंग सेंटर की व्यवस्था बहुत ऊंचे स्तर की है और वह नकल के खेल में लिप्त है। पूरे प्रदेश में कोचिंग सेंटरों का जाल बिछ चुका है। माफिया गिरोह इन कोचिंग सेंटर को चलाते है ,वह लगातार परीक्षाएं रद्द कराने, परीक्षाएं कराने और उसमें सिलेक्शन कराने तक की गारंटी लेते हैं । सरकार पर कैसे दबाव डाला जाएगा, इसके लिए प्रदर्शनकारियों को भी पैसा देते हैं । यह जगजाहिर है, बेरोजगारों की लड़ाई लड़ने वाले छात्र नेता खुद बेरोजगार होते हुए भी लाखों की गाड़ियों में घूमते हैं । आखिरकार यह सब कैसे हो रहा है, यह सब जांच का विषय है। इन पर भी शिकंजा कसना जरूरी है, दूसरी ओर सरकार ने हाल ही में कोचिंग सेंटरों को प्रोत्साहित करने के लिए जो योजना बनाई है ,उससे भी माफिया पनप रहा है। इसलिए सरकार को उसे भी बंद किया जाना चाहिए और जो कोचिंग इंस्टिट्यूट को डायरेक्ट भुगतान की योजना है ,उसे छात्रों के खाते में ही डाला जाना चाहिए। जिससे छात्र अपने हिसाब से उसकी पढ़ाई कर सकें। जब तक कोचिंग सैंटरो और नकल गिरोह है कोकस नहीं तोड़ा जाएगा ,तब तक नकल पेपर लीक प्रकरण पर नकल संभव नहीं है।

टीचर भर्ती के चारों पेपर ही फिर से कराए सरकार

सेकंड ग्रेड टीचर भर्ती के सभी पेपरों को फिर से कराने की कवायद शुरू करनी चाहिए जिस तरह से कि गिरोह के सरगना का कबूल नाम सामने आया है उससे पहले के चारों पर पर ही डिलीट हुए हैं और वह पहले दिन से ही अपने चुनिंदा साथियों के साथ इस पेपर को लिख कर रहा था ऐसे में अब इस पूरी परीक्षा फिर से करवाया जाना चाहिए जिससे इस परीक्षा की निष्पक्षता पर किसी तरह का शक नहीं रहे सरकार को सिर्फ बातें करने की जरूरत नहीं है एक्शन लेने की जरूरत है

सरकार को बातें नहीं एक्शन की जरूरत

सरकार को बातें नहीं एक्शन की जरूरत

मुख्यमंत्री जी सिर्फ बातें करें युवाओं के साथ अन्याय नहीं होगा अब से काम चलने वाला नहीं है मुख्यमंत्री जी को चाहिए कि इस पर ठोस निर्णय करें और नकल गिरोह की कमर तोड़ दे जिससे भविष्य में कोई भी ग्रह है इस तरह से तन पर नहीं और छात्रों के साथ अन्याय नहीं करें आरपीएससी चेयरमैन भी सिर्फ यह कह कर पल्ला नहीं सकते कि गिरोह के लोगों का कोचिंग सेंटर से जुड़ाव है या वह दबाव डाल रहे हैं वह एक पुलिस अधिकारी भी रहे हैं ऐसे मैंने बताया कि कहां पर खामियां है इन सब बातों को दूर करके परीक्षा परीक्षा को निष्पक्ष और सफल बनाया जाना आरपीएससी चेयरमैन का भी दायित्व बनता है सरकार भी केवल बातें करके या 4 लोगों को पकड़कर अपने आप को पाक साफ नहीं बचा सकती है सरकार को सरकार होने का एहसास कराना होगा जब तक सरकार जब पुलिस प्रशासन का खौफ लोगों में नहीं होगा तब तक फिर सरकार का भी कोई मतलब नहीं रह जाता है इसलिए लोगों का कहना है कि सरकार को अब बातें नहीं काम करना चाहिए समय बहुत कम बचा है।

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