Home politics आरडीपीएल को संचालित करने से क्यों कतरा रही है राज्य सरकार?

आरडीपीएल को संचालित करने से क्यों कतरा रही है राज्य सरकार?

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लोक टुडे न्यूज़ नेटवर्क

जयपुर । राजस्थान सरकार की एकमात्र सरकारी दवा कंपनी राजस्थान ड्रग्स एंड फार्मास्यूटिकल लिमिटेड आरडीपीएल को फिर से शुरू करने के लिए अभी तक सरकार का रुख साफ नजर नहीं आ रहा है । खास बात यह है कि केंद्र सरकार इस कंपनी में अपनी 51% हिस्सेदारी राजस्थान सरकार को हस्तांतरित कर राज्य सरकार के स्तर पर ही शुरू करने की सहमति दे चुकी है । भाजपा के अधिकांश नेता और जनप्रतिनिधि भी कांग्रेस सरकार के समय में ही यह कंपनी शुरू करने की बात का समर्थन कर चुके हैं। लेकिन अब मौजूदा सरकार के 9महीने बीतने के बाद भी इस कंपनी के शुरू होने का आरडीपीएल के कर्मचारियों को इंतजार है। कंपनी शुरू होने से राजस्थान सरकार को नि:शुल्क दवा योजना सहित अन्य महामारी और अन्य आपातकालीन दावों को बाहर से खरीदने से मुक्ति मिलेगी। आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। इस कंपनी में सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं और राष्ट्रीय आपदाओं के दौरान गुणवत्तापूर्ण जीवन रक्षक दवाओं का उत्पादन तथा समयबद्ध आपूर्ति भारत सरकार एवं राजस्थान सरकार में होती रही है । कंपनी बंद हुए करीब 8 वर्ष हो चुके हैं । इससे पहले केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्रालय और राजस्थान सरकार संयुक्त जिम्मेदारी से यह कंपनी संचालित होती थी। कंपनी बंद होने के बाद आज भी यहां करोड़ों रुपए की मशीनें और दवा उत्पादन की क्षमता मौजूद है। मशीन बेकार हो रही है कर्मचारी यहां जो कार्यरत थे वह परेशान है।

19 अप्रैल 2024 को हुई बैठक का निर्णय

राजस्थान ड्रग्स एंड फार्मास्यूटिकल लिमिटेड आरडीपीएलके संबंध में मुख्य सचिव के निर्देश पर हुई 19 अप्रैल 2024 को बैठक में प्रमुख शासन सचिव उद्योग विभाग अमिताभ शर्मा, शासन सचिव वित्त नरेश कुमार ठकराल, शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य निशा मीना ,चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर रवि प्रकाश माथुर निदेशक वित्तीय सलाहकार चिकित्सा स्वास्थ्य ,बीना गुप्ता वित्तीय सलाहकार ,अंजु गोयल राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास निवेश निगम राजस्थान, जयपुर इन सब अधिकारियों की मौजूदगी में हुई बैठक में राजस्थान ड्रग्स एंड फार्मास्यूटिकल लिमिटेड आरडीपीएल के संबंध में विचार विमर्श करने के बाद यह निर्णय लिया गया।

बैठक के निर्णय

बैठक में बताया गया कि वर्ष 2016 में केंद्र सरकार द्वारा आरडीपीएल को बंद करने का निर्णय लिया गया था जिसके परिणाम स्वरूप वर्तमान राज्य सरकार द्वारा आरडीपीएल को रिवाइवल करने का निर्णय किया गया। आरडीपीएल को रिवाइवल करने संबंधी निर्णय के क्रम में नहीं वर्तमान सरकार द्वारा मंत्रिमंडल के ज्ञापन 165/ 2023 दिनांक 28 सितंबर 2023 के अनुमोदन पश्चात मंत्रिमंडल द्वारा जारी किए गए जरी की गई मंत्रिमंडल के अनुसार आईडीपीएल को राजकीय उपक्रम के रूप में संचालित किया जाएगा जिसका प्रशासनिक विभाग चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग होगा बैठक में समिति द्वारा और भी महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

महत्वपूर्ण निर्णय जो लिए

मंत्रिमंडल सचिवालय के आदेश 1 फरवरी 2024 के प्रावधान के अनुसार 1 अप्रैल 2023 से 14 दिसंबर 2023 तक मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए समस्त निर्णय की समीक्षा की जाएगी। इसके लिए एक मंत्रिमंडलीय उप समिति का गठन किया गया ।आईडीपीएल के रिवाइवल का मंत्रिमंडलीय निर्णय उक्त अवधि का है। अतः निर्णय लिया गया की समीक्षा हेतु उप समिति को शासन सचिव वित्त व विभाग द्वारा प्रस्तुत किया जावे। क्योंकि आरडीपीएल को रिवाइवल करने के संबंध में मंत्रिमंडल ज्ञापन तैयार करने एवं अनुमोदन की समस्त कार्यवाही वित्त विभाग द्वारा की गई थी, ,जिसके संबंध में शासन सचिव वित्त वे विभाग द्वारा सहमति व्यक्त की गई ,बैठक में विचार विमर्श के दौरान निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य द्वारा अवगत कराया गया कि उक्त उपक्रम भिन्न-भिन्न राज्य में चिकित्सकीय कैटेगरी में दवाइयां उत्पादन कराने का कार्य करेगा । उनके द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि दवाई उत्पादन करने तथा उद्योग चलाने के संबंध में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग का कोई अनुभव नहीं है तथा नहीं इस प्रकार की क्षमता या संसाधन उपलब्ध है । अध्यक्ष चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को नोडल विभाग बनाए जाने पर पुनर्विचार किया जाना उचित होगा। उसके क्रम में यदि मंत्रिमंडल उप समिति द्वारा आईडीपीएल को रिवाइवल करने की सहमति प्रदान की जाती है ,तो नोडल प्रशासनिक विभाग के विषय पर विचार कर नवीन नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए । यदि आरडीपीएल को रिवाइवल का निर्णय लिया जाता है, तो कंपनी के निदेशक मंडल एवं कंपनी के पुनरुद्धार के उद्देश्य से गठित समिति की संरचना जिसमें किसी विशेषज्ञ सदस्य को नहीं लिया गया है का पुनर्गठन किया जाना आवश्यक है। इस निर्णय के बावजूद अभी तक राजस्थान सरकार ने किसी भी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की है। आरडीपीएल को कौन संचालित करेगा इसमें कार्यरत कर्मचारियों का क्या होगा मशीनरी का क्या होगा इस बारे में अभी तक भी कोई निर्णय नहीं किया गया है जबकि आरडीपीएल की क्षमता इतनी है कि यदि इसे सही तरीके से सुचारू रूप से चलाया जाए तो राजस्थान में होने वाली निशुल्क दावों की अधिकांश सप्लाई आरडीपीएल के द्वारा ही हो सकती है।

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