वसुंधरा राजे के कद से डरा केंद्रीय नेतृत्व
राजे के अलावा किसी को भी मुख्यमंत्री बनाना मंजूर?
जयपुर। राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनावों की सुगबुहाट शुरु हो चुकी है। लेकिन इस बार सूबे का मुख्यमंत्री का दावेदार कौन होगा इसको लेकर संस्पेंस बरकरार है। पार्टी के राष्ट्रीय नेता बार- बार इस बात को दोहरा रहे है कि राजस्थान , मध्यप्रदेस और छत्तीसगढ़ में पीएम मोदी के चेहरे पर ही विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा। चुनावों के परिणाम के बाद किसी को भी सीएम बना देंगे। हालांकि मौजूदा में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री पद की मजबूत दावेदार है। लेकिन इस लड़ाई में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, गुलाब चंद कटारिया और अर्जून राम मेघवाल का नाम भी प्रमुखता से लिया जा रहा है।
वसुंधरा राजे से डरा केंद्रीय नेतृत्व?
बताया जा रहा है कि इस समय देश में पीएम मोदी के चेहरे को टकर देने वाला कोई दूसरा चेहरा नहीं है। यूपी में सीएम योगी और दूसरा नाम वसुंधरा राजे का लिया जाता है। राजे केंद्रीय मंत्री और दो बार मुख्यमंत्री रह चुकी है। यदि इस बार वसुंधरा राजे कोे फिर से सीएम फेस घोषित कर दिया जाता है। तो वे तीसरी बार सूबे की मुख्यमंत्री बनेगी जो सबसे बड़ी चुनौती पीएम मोदी के लिए ही बनेगी। इसलिए केंद्रीय नेतृत्व वसुंधरा राजे को दरकिनार करना चाहता है। पिछले चार साल में वसुंधरा राजे को पार्टी ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तो बनाकर रखा लेकिन उन्हें जिम्मेदारी किसी तरह की नहीं दी। खासतौर पर राजस्थान में । राजस्थान वसुंधरा राजे समर्थक सतीश पूनियां की खिलाफत ही करते रहे । तो पूनियां और गजेंद्र सिंह शेखावत भी राजे का विरोध करते रहे। केंद्रीय नेतृत्व को पता है कि यदि वसुंधरा राजे को राजस्थान में पार्टी का सीएम फेस घोषित कर दिया जाएगा तो वह ज्यादा मजबूत हो जाएगी। जिससे उनका पीएम मोदी के मुकाबले में सीधा नाम आएगा।
योगी और राजे ही दे सकते हैं टक्कर
अभी पीएम मोदी के मुकाबले सीएम योगी का नाम ही आ रहा है। मोदी के बाद कौन में सीएम योगी का नाम आ रहा है। लेकिन यदि वसुंधरा राजे तीसरी बार मुख्यमंत्री बनती है तो फिर केंद्र में मोदी के बाद पीएम कौन में नाम वसुंधरा राजे का आएगा। वसुंधरा राजे का नाम बीेजेपी में भी सर्वग्राहय है। वे संघ के नजदीकी है तो पार्टी में भी उनकी पकड़ कम नहीं है। मध्यप्रदेश की रहने वाली है तो उनके मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में भी अच्छे संपर्क है। केंद्रीय मंत्री रहने के दौरान उनका अपना एक कद रहा है। पूर्व पीएम अटल जी और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में राजे जाना- पहचाना चेहरा है।
सतीश पूनियां को भी मिल सकता है मौका
यही कारण है कि बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व वसुंधरा राजे को इन चुनावों में दरकिनार करना चाहता है। जिससे किसी को भी राजस्थान का सीएम बना दिया जाए। सतीश पूनियां भी इसमें आगे है। सतीश पूनियां पार्टी के लिए नया चेहरा होंगे. जिन्हें खुद को पहचान का संकट है। उऩ्हें सीएम बना भी दिया तो भी वे राष्ट्रीय राजनीति में कोई चुनौती साबित नहीं कर सकेंगे। लेकिन यदि वसुंधऱा राजे को सीएम फेस घोषित कर दिया तो वो पीएम मोदी के लिए बड़ी चुनौती साबित होगी। जिससे बचने के लिए बीजेपी नेतृत्व राजस्थान में पीएम मोदी के फेस पर ही चुनाव लड़ेगा।