नई दिल्ली। राहुल गांधी की मौजूदगी में जेएनयू के अध्यक्ष कन्हैया कुमार आज नई दिल्ली में कांग्रेस में शामिल हो गए। कन्हैया कुमार सीपीआई से जुड़े हुए थे। माकपा के टिकट पर सांसद का चुनाव लड़ चुके है। लेकिन कन्हैया कुमार को माकपा में वो स्थान नहीं मिला। लंबे समय से कन्हैया कुमार उपेक्षित चल रहे थे। कन्हैया कुमार की अच्छी खासी युवा फैन फालोविंग बहुत जोरदार है। ऐसे में कांग्रेस के लिए बिहार के लिए एक युवा नेता मिल गया। आने वाले समय में कांग्रेस कन्हैया कुमार को पूरे देश में युवाओं को जोड़ने के लिए भी इस्तेमाल कर सकती है।
वहीं गुजरात से विधायक जिग्नेश मेवाणी ने भी कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। जिग्नेश मेवाणी की पहचान गुजरात में दलित नेता की है। उनका देश के अन्य राज्यों में दलित समाज में अच्छी पकड़ है। उनका कांग्रेस से जुड़ना कांग्रेस के लिए कम से कम गुजरात में तो फायदेमंद रहेगा। मेवाणी के कांग्रेस से जुड़ने से दलित वोट बैंक फिर से कांग्रेस से जुड़ेगा। वहीं हार्दिक पटेल से भी उनके अच्छे संबंध होने के कारण पार्टी को ऩया जोश मिलेगा।
कन्हैया कुमार
देश में वैचारिक संघर्ष को कांग्रेस पार्टी ही बचा सकती है। लाखों – करोड़ों युवाओं से आह्वान करता हूं कि अब दीवार पर पैर बैठकर मूंह ताकने का समय नहीं है। कांग्रेस पार्टी बड़ा जहाज है यदि कांग्रेस पार्टी बचेगी तो देश बचेगा। भीमराव अंबेडकर की आशा और उम्मीदें पुरी होगी। आजादी के साथ पुरा मुखरता से सत्ता से सवाल पुछती है हमें उस पार्टी का साथ देना है। घर – परिवार के साथ रहकर लड़ना है। महात्मा गांधी और अंबेडकर भी परिवार के साथ रहते हुए लड़े थे।
जिग्नेश मेवाणी
लोकतंत्र पर हमला हो रहा है। भाई- भाई एक दूसरे को लड़ाया जा रहा है। इस देश के संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए ही हम कांग्रेस से जुड़े हैं। अंग्रेजों को भगाने वाली पार्टी से जुड़ा हुं। मैं कांग्रेस के मिशन के साथ हूं। महंगाई , बेरोजगारी चरम सीमा पर फासीवादी ताकतें चाहती है की युवाओँ को नशे में फैंक दो। बाबा साहब के संविधान को बचाने के लिए ही कांग्रेस में शामिल हुए। किसान, मजदूर, आदिवासी, युवा, स्वतंत्रा का आंदोलन फिर से छिड़ने वाला है। कांग्रेस एक मिशन है। लोकतंत्र को बचाने के लिए कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ेंगे।