पीएम मोदी ने तमिल नेताओं को तमिल भाषा में हस्ताक्षर करने में आती है शर्म

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लोक टुडे न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु दौरे के दौरान तमिल भाषा का समर्थन करने वाले नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन समेत कई नेता उन्हें अपनी समस्याओं के लिए पत्र लिखते  रहते हैं लेकिन कभी भी उन पर तमिल भाषा में हस्ताक्षर नहीं करते।  यदि आप तमिल भाषा पर इतना ही गर्व है तो फिर तमिल में हस्ताक्षर भी करनी चाहिए । तमिल भाषा और तमिल विरासत को दुनिया के हर कोने में पहुंचाने के लिए सरकार इस दिशा में काम कर रही है लेकिन कुछ नेता इस मामले में सिर्फ राजनीतिक कर रहे हैं।

तमिलनाडु को दी 8300 करोड़ की सौगात

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामनवमी के अवसर पर तमिलनाडु में 8300 करोड रुपए की रेल और सड़क योजनाओं का लोकार्पण किया है।  इनमें पवन ब्रिज, नई ट्रेन सेवा रामेश्वरम से चेन्नई तक ,बेहतर कनेक्टिविटी शामिल है । पवन ब्रिज एशिया का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे समुद्र पुल है । प्रधानमंत्री मोदी ने देश में चल रहे भाषा विवाद के बीच तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन पर भी कई बार तंज कसा । उन्होंने कहा कि तमिलनाडु पहुंचने पर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रधानमंत्री को रिसीव नहीं किया जबकि प्रोटोकॉल के तहत किसी भी प्रदेश के मुख्यमंत्री  किसी भी पार्टी का हो, देश के प्रधानमंत्री को रिसीव करना होता है । स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रिसीव नहीं किया।

रामनाथ स्वामी मंदिर में पूजा अर्चना की

लेकिन उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रामनाथ स्वामी मंदिर में पूजा अर्चना की। अयोध्या की भूमि राम मंदिर में रामलला का सूर्य की किरणों से भव्य तिलक किया है, भगवान श्री राम का जीवन उनके राज्य से मिलने वाली सुशासन की प्रेरणा राष्ट्र का निर्माण का आधार है।

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