एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स पुलिस मुख्यालय की कार्रवाई

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25 हजार रुपये इनामी गुरुग्राम से गिरफ्तार : बेरोजगार युवकों को सरकारी नौकरी लगाने का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह के सरगना को पकड़ा
लोक टुडे न्यूज नेटवर्क
जयपुर,।(आर एन सांवरिया) एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स पुलिस मुख्यालय की टीम ने बड़ी कार्रवाई कर बेरोजगार युवकों को सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर फर्जी जॉइनिंग लेटर थमा लाखों रुपए की ठगी करने वाले शातिर ठग दीपक कुमार मीणा पुत्र लल्लू राम (34) निवासी गढवास कोहरा मलावली थाना लक्ष्मणगढ़ (जिला अलवर) को गुरुग्राम से डिटेन कर लिया। जिसे बाद में अग्रिम कार्रवाई के लिए टोंक जिले की बरौनी पुलिस को सौंपा गया। आरोपी पर टोंक एसपी द्वारा ₹25000 का इनाम घोषित है।

अतिरिक्त महानिदेशक एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स दिनेश एमएन ने बताया कि प्रदेश में सक्रिय गैंगस्टर हार्डकोर बदमाशों एवं लंबे समय से फरार चल रहे इनामी अपराधियों की धरपकड़ एवं आसूचना संकलन के लिए उप महानिरीक्षक पुलिस योगेश यादव एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिद्धांत शर्मा के सुपरविजन में एजीटीएफ की टीमों को प्रदेश के अलग-अलग शहरों में भेजा गया है। इसी क्रम में उप निरीक्षक सुभाष सिंह तंवर के नेतृत्व में गठित टीम द्वारा मंगलवार को ₹25000 के इनामी दीपक मीणा को गुरुग्राम से डिटेन किया गया।

फर्जी जॉइनिंग लेटर देकर दो जनों से की थी 10.70 लाख की ठगी

साल 2021 में परिवादी देवी शंकर कीर और विजय सिंह कीर निवासी मुख्तयार नगर थाना बरौनी टोंक ने एक रिपोर्ट थाना बरौनी पर दर्ज कराई कि दीपक कुमार मीणा, मनराज कीर व हंसराज कीर ने एफसीआई एवं भारतीय डाक विभाग में भर्ती कराने के नाम पर फर्जी जॉइनिंग लेटर देकर 10 लाख 70 हजार रुपये अपने खाते में जमा करवा ठगी की है। रिपोर्ट पर मुकदमा दर्ज कर बरौनी पुलिस ने अनुसंधान के दौरान आरोपी मनराज व हंसराज निवासी मुख्त्यार नगर को गिरफ्तार कर लिया था। मुल्जिम दीपक मीणा प्रकरण दर्ज होने के बाद से ही फरार हो गया।

काफी शातिर किस्म का है आरोपी दीपक मीणा

प्रकरण दर्ज होने के बाद ही मुख्य अभियुक्त दीपक मीणा अपने निवास स्थान से फरार हो गया। फरारी के दौरान भी बेरोजगार युवको से अपनी टीम के माध्यम से ठगी का कार्य कर रहा था। मुल्जिम दीपक बहुत ही शातिर किस्म का है। वह ना तो अपने पास मोबाइल रखता है और ना ही किसी सोशल मीडिया का प्रयोग करता है। आरोपी अपने साथी सदस्य के मोबाइल से ही सोशल मीडिया एप काम में लेता है। किसी भी टीम मेंबर को अपने साथ 10 से 15 दिन से ज्यादा नही रखता है। गांव से भागने के बाद मुल्जिम दीपक गुड़गांव, दिल्ली, पटना, कानपुर व अन्य शहरों में टीम के सदस्यों के साथ रहने लगा।

टीम द्वारा किए गए प्रयास

दीपक मीणा शातिर किस्म का बदमाश है, मुल्जिम पिछले 2 साल से अपने गांव भी नहीं आ रहा था। जिसकी गिरफ्तारी के लिए एसपी टोंक द्वारा ₹25000 का इनाम घोषित किया गया। एजीटीएफ टीम द्वारा परंपरागत पुलिसिंग व मुखबिरों की सूचनाओं के आधार पर इसकी गुड़गांव, दिल्ली, कानपुर व पटना में तलाश की गई। तलाश के दौरान मंगलवार को एजीटीएफ टीम के हैड कांस्टेबल कमल डागर और हैड कांस्टेबल सुरेश कुमार को मुखबिर से सूचना मिली कि दीपक मीणा आज पालम विहार गुरुग्राम में किसी से मिलने आ रहा है। सूचना पर उच्च अधिकारियों के निर्देश पर टीम के सदस्य कमल डागर, सुरेश कुमार व चालक श्रवण कुमार गुरुग्राम पहुंचे। जहां पर दीपक मीणा अपने टीम के किसी सदस्य से मिलने आया हुआ था, जिसे डिटेन किया जाकर पुलिस थाना बरौनी को सुपुर्द किया गया।

तरीका वारदात

बेरोजगार लोगों से ठगी करने के लिए इस गिरोह ने विभिन्न शहरों में नेटवर्क फैला रखा है। गिरोह के सदस्य जयपुर, दिल्ली, गुड़गांव, पटना, कानपुर व अन्य शहरों में रहकर वहां पर प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर रहे बेरोजगार व कमजोर वर्ग के छात्रों को बहला फुसलाकर कर सरकारी जॉब दिलाने के बहाने से राजी कर रुपये प्राप्त कर उन्हें फर्जी जॉइनिंग लेटर देते हैं। नौकरी ज्वाइन करने संबंधित विभाग के पास पहुंचने पर पीड़ित को ठगी का एहसास होता है।

इस कार्रवाई में एएजीटीएफ के हैड कांस्टेबल कमल डागर व सुरेश कुमार की मुख्य भूमिका, एएसआई शंकर दयाल शर्मा की तकनीकी भूमिका रही। उप निरीक्षक सुभाष सिंह तंवर के नेतृत्व में गठित टीम के हैड कांस्टेबल महेश सोमरा, हैड कांस्टेबल रविंद्र सिंह, महावीर सिंह व नरेंद्र, कांस्टेबल नरेश एवं चालक श्रवण का सराहनीय सहयोग रहा।

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