कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने अपमानित होकर दिया मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा

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चढ़ीगढ़। आखिरकार पंजाब कांग्रेस में चल रहे घमासान के बीच मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने अपने पद से इस्तीफा राज्यपाल बीएल जोशी को सौंप दिया है। साथ ही अमरेंद्र सिंह ने अपने पूरे मंत्रिमंडल का भी इस्तीफा सौंप दिया है। अमरेंद्र सिंह ने कहा कि जब पार्टी आलाकमान को मेरे पर भरोसा ही नहीं तो पद पर रहने का कोई मतलब ही नहीं है। मैं अपमानित महसूस कर रहा हूं। इसलिए मुख्यमंत्री बने रहने का कोई औचित्य नहीं है। अब आलाकमान को जिस पर भरोसा है उसे बनाएं मुख्यमंत्री।

कैप्टन ने अपमानित होकर दिया इस्तीफा

पंजाब के मुख्यमंत्री रहे अमरेंद्र सिंह को लंबे समय बाद कांग्रेस को पूरे बहुमत से सरकार बनाने का श्रेय जाता है। अमरेंद्र सिंह ने राज्यपाल को इस्तीफा देने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि मेरा फैसला आज सुबह हो गया था। उन्होंने कहा कि उन्होंने सुबह की सोनिया गांधी से बात की थी। दो महीने में ही तीसरी बार हो रहा है जब कांग्रेस विधायक दल की बैठक बगैर मेरी जानकारी के दिल्ली में बुलाई गई। जिससे में अपमानित कर रहा था। सीएलपी की बैठक मेरी जानकारी के बुलाया जाना मेरा अपमान है। अमरेंद्र सिंह ने सोनिया गांधी को सुबह ही बता दिया था कि जिस तरह से अपमानित किया गया। अविश्वास किया उसके बाद मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का कोई औचित्य नहीं है। इसलिए मैने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। अब आलाकमान जिस पर ज्यादा भरोसा करती है उसे मुख्यमंत्री बनाएं।

अगला मुख्यमंत्री आलाकमान तय करेंगे

उन्होंने कहा कि अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा ये कांग्रेस आलाकमान तय करेंगे। ये पॅालिटिक्स होती है। कैप्टन अमरेंद्र सिंह बोले कि अब उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। जिसे बनाना है आलाकमान उसे मुख्यमंत्री बनाएं। मेरे सामने सारे विकल्प खुले है। समय आने पर तय करुंगा। जो मेरे साथी है जो समर्थक है उनसे बात करके ही अगली रणनीति तय करेंगे। उऩ्होंने कहा कि में फिलहाल कांग्रेस पार्टी में हूं। मेरे साथियों से बात करके भविष्य की राजनीति तय करेंगे।

सारे विकल्प खुले- अमरेंद्र सिंह

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरेद्र सिंह का कहना है कि में नो साल तक कांग्रेस पार्टी की ओर से पंजाब का मुख्यमंत्री रहा हूं। अभी तक कांग्रेस में ही हूं। अब मैनें अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। अब मेरे 52 साल से साथ रहे साथियों , समर्थकों से बात करके ही अगली रणनीति तय करुंगा। जो मेरे साथी और समर्थक तय करेंगे । वे ही भविष्य की राजनीति तय करेंगे। अमरेंद्र सिंह ने कहा कि उनके सामने भविष्य के सारे विकल्प खुले है। लेकिन वे लंबे समय से काफी अपमानित महसूस कर रहे थे।

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