जयपुर। एक स्कूल टीचर जिसे अच्छी खासी सैलरी मिल रही थी। समाज में अच्छा खासा रुतबा भी था । घर – परिवार समाज और स्टूडेंटस के लिए वे गुरुजी थे ही। बच्चों के भी आदर्श पिता और परिवार के मार्गदृष्टा लेकिन इसके बावजूद पैसों के लिए इऩ सबको ताक पर रखकर सब इस्पेक्टर परीक्षा में डमी परीक्षार्थियों से परीक्षा दिलाने जैसा घिनौना काम पकड़कर सालों से अर्जित सब कुछ गंवा दिया। हाल ही में हुई सब इंस्पेक्टर की परीक्षा में डमी परीक्षार्थियों के परीक्षा देने के खूब समाचार आ रहे थे। पुलिस को इस मामले में सफलता मिली जयपुर में एक फर्जी अभ्यर्थी के पकड़े जाने पर। पुलिस ने डमी परीक्षा दिलाने वाले स्कूल मास्टर सहित 8 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अधिकांश लोग सरकारी सेवा में या फिर मास्टर ही है।
स्कूल मास्टर ही थे डमी परीक्षार्थी
इसी बीच जयपुर के ब्रह्रमपुरी थाना पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। पुलिस ने बताया कि ध्रुव बाल निकेतन स्कूल में फर्जी अभ्यर्थी के आने की सूचना पर कार्यवाही की गई। जब परीक्षार्थी के स्थान पर डमी कैंडिडेट को बैठकर परीक्षा देने वाले से पूछताछ की गई तो इसमें हाईप्रोफाईल के 8 लोग गिरफ्तार किए गए। इनमें इस गैंग का सरगना करौली जिले का रहने वाला है जो खुद स्कूल मास्टर है। ये 10 से लेकर 22 लाख रुपये में परीक्षा पास कराने के लिए लेते थे।
3 फर्जी परीक्षार्थी, 4 दलाल सभी सरकारी सेवाओँ में कार्यरत
जयपुर पुलिस उपायुक्त पारिश देशमुख ने बताया कि अब तक गिरफ्तार आठ लोगों में 3 फर्जी परीक्षार्थी, एक ऑरिजनल परीक्षार्थी और 4 दलाल गिरफ्तार हुए है। इनमें गैंग का सरगना करौली जिले का रहने वाला है जो बाड़मेर के सरकारी स्कूल में टीचर है। गिरफ्तार अधिकांश लोग भी टीचर है या फिर सरकारी सेवा में सेवारत है। जो फर्जी परीक्षार्थी की ओएमआर सीट में 250 अंक आने पर पैसे लेते थे। इनकी बैंक डिटेल और पैसे भी पुलिस ने बरामद किए है।
कोटा, बीकानेर और जयपुर में दी परीक्षा
डमी परीक्षार्थियों ने जयपुर, कोटा और बीकानेर में सब इंस्पेक्टर की परीक्षा दी थी। इस बार परीक्षा अलग- अलग तारीख को होने के कारण तीनों परीक्षार्थियों से ही परीक्षा दिलाई गई। इसके लिए परमिशन लेटर पर एडिट करके वही फोटो चस्पा दी जाती जो आधार कार्ड पर होती। इस काम में बाड़मेर के दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जो फोटो एडिटिंग और मिक्सिंग करने में मास्टर है। पुलिस ने अब तक स्कूल व्याख्याता नेतराम मीणा, सहयोगी बाड़मेर के सरकारी स्कूल के मास्टर भंवर लाल और अलग- अलग प्रतियोगी परीक्षाओँ की तैयारी करने वाले केदार प्रसाद, भभूता राम, महादेव और पुष्पेंद्र सिंह मीणा को भी गिरफ्तार किया गया है।
और भी हो सकते है गिरोह के लोग
पारिश देशमुख का कहना है कि इस गिरोह से और भी लोग जुड़े हो सकते है। क्योंकि गिरफ्तार सभी लोग नौकरीपेशा है। जो करौली, सवाईमाधोपुर और आस- पास के पैसे वाले अभ्यर्थियों को पकड़कर लाखों रुपये में उनके स्थान पर परीक्षा दिलाते थे। पुलिस आरोपियों के बैंक खाते भी खंगाल रही है। गिरोह के अन्य लोगों की भी तलाश की जा रही है। ये भी पता कर रही है कि आरोपी कब से ये खेल ,खेल रहे थे।