जयपुर ।अग्निवीर भर्ती परीक्षा को लेकर एक बार फिर बवाल खड़ा हो गया है । अभ्यर्थियों का कहना है कि अग्निवीर भर्ती परीक्षा में जाति और धर्म का कॉलम रखा गया है जोकि सरासर गलत है। क्योंकि सेना में कोई आरक्षण नहीं है ऐसे में फिर भर्ती परीक्षा में धर्म और जाति के सर्टिफिकेट मांगना भी उचित नहीं है। हालांकि केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है इससे पहले भी भर्तियों में कास्ट सर्टिफिकेट लगाए जाते थे अग्निवीर में भी जाति प्रमाण पत्र मांगा गया है तो यह कहां गलत है।
SC,ST के सर्टिफ़िकेट में हिंदू लिखा होना जरूरी
वही आरक्षित वर्ग के लोगों कहना है कि अग्निवीर भर्ती परीक्षा में एससी एसटी ओबीसी के सर्टिफिकेट में हिंदू लिखा होना अनिवार्य है ।केवल वही सर्टिफिकेट माने जा रहे हैं जिनमें धर्म हिंदू हो और जाति एससी ,एसटी हो ।जबकि पूर्व में जारी किए जाने वाले एससी, एसटी के सर्टिफिकेट में कहीं भी धर्म का उल्लेख नहीं है। लेकिन वर्तमान में जो नए डिस्टल जाति के प्रमाण पत्र मिल रहे हैं उनमें धर्म के कॉलम में हिंदू और वर्ग के कॉलम में एससी, एसटी लिखा हुआ अंकित है। एससी ,एसटी के लोगों का कहना है कि पूर्व में जो सर्टिफिकेट जारी किए हुए हैं उनमें धर्म का कॉलम नहीं होता था । हालांकि वह सर्टिफिकेट बनते सिर्फ अनुसूचित जाति, जनजाति के लोगों के थे जो हिंदू धर्म के होते थे ।लेकिन अग्निवीर भर्ती परीक्षा में उन सर्टिफिकेट को मान्यता नहीं है उन्हें स्वीकार नहीं किया जा रहा है। लाखों अभ्यर्थियों के सामने नए सिरे से सर्टिफिकेट बनवाने का संकट खड़ा हो गया है ,क्योंकि sc-st जीवन में एक बार सर्टिफिकेट बनवाने पर वह उम्र भर चलता है। उसे बार-बार रिन्यू कराने की जरूरत नहीं होती है ,क्योंकि व्यक्ति की जाति नहीं बदलती है । ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट को हर साल बदलना पड़ता है । क्योंकि वहां आय ऊपर नीचे होती रहती है ।ओबीसी वर्ग में भी सर्टिफिकेट स्थाई होते हैं ऐसे में जब अग्निवीर की एससी, एसटी के पुराने सर्टिफिकेट को नहीं मानने से अभ्यर्थियों में आक्रोश है । लोगों का आरोप है कि सेना भर्ती में भी जाति और धर्म के नाम पर भेदभाव किया जा रहा है। जो सरासर गलत है।
राजनीति भी गरमाई
वही अग्निवीर को लेकर राजनीति भी गरमा गई है कांग्रेस पार्टी, आम आदमी पार्टी, जेडीयू के नेताओं ने भारत सरकार पर सेना का हिंदुत्वकरण करने का आरोप लगाया है ।नेताओं का आरोप है कि आजादी के 75 साल में कभी भी सेना में धर्म और जाति के नाम पर भर्तियां नहीं है। लेकिन अब अग्निवीर में भर्तियां भी जाति और धर्म के नाम पर होगी और छटनी भी जाति और धर्म के नाम पर होगी जो सरासर गलत है।