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वैर कोर्ट परिसर के बाहर से अपह्र्त युवक का 20 दिन बाद भी कोई सुराग नहीं? पुलिस मामले को टरकाने में लगी

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लोक टुडे न्यूज़ नेटवर्क

जयपुर /वैर। पुलिस चाहे तो रात को दिन और दिन को रात बना सकती है ऐसा ही मामला सामने आया है वैर थाने का । अपह्रत युवक के पिता का आरोप है की  भरतपुर जिले के वैर कोर्ट परिसर में 26 मार्च 2025 को  दोपहर 12:15 बजे प्रहलाद बैरवा उम्र 38 साल जो की राजेश कुमार गर्ग पुत्र पूर्ण चंद गर्ग निवासी वेयर हाल निवासी लूनियावास बस स्टैंड  खातीपुरा जयपुर के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले में गवाही देने पहुंचा था । परिजनों का आरोप है कि प्रहलाद बैरवा को राजेश कुमार गर्ग और उसके साथी जितेंद्र उर्फ धर्मेंद्र पुत्र निहाल सिंह धाकड़ निवासी सिरस तहसील वैर जिला भरतपुर में गवाई देने  से पहले ही कोर्ट परिसर से अपरण कर लिया गया ,जिसका आज तक सुराग नहीं लग सका। प्रहलाद के पिता रमेश चंद्र बैरवा नगला हरिहर थाना वैर जब इस मामले में वेैर थाने में मुकदमा दर्ज करने पहुंचे और उन्हें पूरी जानकारी दी कि किस तरह से उनका बेटा प्रहलाद नौकरी लगने के नाम पर उसने राजेश कुमार गर्ग पुत्र पूर्ण चंद्र गर्ग को लाखों रुपए दिए थे । इस मामले में राजेश कुमार गर्ग ने उसे पैसे वापस नहीं लौटाए  न  नौकरी लगाई तो बेटे ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया। इस मामले में कोर्ट में सुनवाई चल रही थी।  26 मार्च 2025 को सुनवाई होनी थी ,इस सुनवाई के बाद राजेश गर्ग के खिलाफ मामला तय हो जाता तो उसकी  गिरफ्तारी तय थी , राजेश गर्ग ने ही गिरफ्तारी से बचने के लिए मेरे बेटे प्रहलाद का अपहरण कराया है। क्योंकि बेटा समय पर कोर्ट परिसर में पहुंच गया, और जब गवाई देने वाला था उससे ठीक कुछ समय पहले बेटे को  वार्ता का झांसा देकर कोर्ट से अपहरण कर लिया ।जिसका आज तक कोई सुराग नहीं लगा है। अपह्रत युवक के माता – पिता का आरोप है की हमारी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है बस ये ही मामला था।   प्रहलाद  के पिता रमेश का आरोप है की कोर्ट में गवाही देने पहुंचता उससे पहले ही उसे राजेश गर्ग और जितेंद्र उर्फ धर्मेंद्र पुत्र निहाल सिंह धाकड़ निवासी सिर्फ तहसील बेर जिला भरतपुर ने समझौता करने के नाम पर कोर्ट परिसर से बाहर ले गए और बाहर से उसे अपहरण कर लिया उसके बाद से लेकर आज तक उसका कोई सुराग नहीं लग सका है । रमेश का आरोप है की जब वे इसका मुकदमा दर्ज कराने पहुंचे तो  पुलिस ने परिजनों को धमकाते हुए इस पूरे मामले को पलटते हुए सिर्फ और सिर्फ गुमशुदगी का मामला दर्ज किया।  जबकि परिजनों ने शक के आधार पर नामजद रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए गिड़गिड़ाते रहे  लेकिन पुलिसकर्मी ने कोई ध्यान नहीं दिया और मामला गुमशुदगी में दर्ज कर लिया। घटना से नाराज परिवार और अन्य लोगों ने धरना तो तो आरोपी को गिरफ्तार कर लिया लेकिन सह आरोपी जितेंद्र धाकड़ को आज तक गिरफ्तार नहीं किया।  जबकि परिजनों ने इन दोनों पर ही बेटे का अपहरण करने का शक जताया है। परिजनों का आरोप है की  पुलिस ने खानापूर्ति के लिए राजेश कुमार गर्ग को उठा लिया लेकिन उससे आज तक अपह्रत किए गए युवक प्रहलाद का पता नहीं लगा सकी।  पुलिस ने इस मामले को रफा दफा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी । प्रहलाद को खोजने में पुलिस पूरी तरह विफल रही जबकि उसका पूरा परिवार लगातार पुलिस थाने के चक्कर काट रहा है । वैर थाने के खिलाफ धरना प्रदर्शन भी किया लेकिन अभी तक पुलिस ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया है।  पुलिस  परिजनों को धमकाने का काम कर रही है । ऐसा उसके परिजनों का आरोप है वही पीड़ित परिवार अपने जवान बेटे के जाने से परेशान है।   परिजन लगातार वह इस मामले की शिकायत पुलिस के आला अधिकारियों से भी कर रहे  है लेकिन पुलिस ने अभी तक किसी भी तरह की कोई ठोस  कार्रवाई नहीं की है ,जिससे परिजनों में गहरा आक्रोश है।  परिजनों ने जयपुर में भी गृह राज्य मंत्री, एडीजी क्राइम और अन्य अधिकारियों को इस पूरे मामले में ज्ञापन सौंपे हैं । पुलिस पर कार्रवाई की मांग की है और पुलिस से उनके बेटे को बरामद करने की मांग की है ।  घटना के बाद से परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है । परिजनों का आरोप है कि कहीं उनके बेटे के साथ कोई अनहोनी तो नहीं हो गई है क्योंकि 38 साल का उनका जवान बेटा पिछले 20 दिनों से गायब है, जिसे सजा मिलने के डर से परिवादी ने गायब करवाया है।उसके साथ क्या किया वो किस हाल में है किसी को कोई पता नहीं है। पुलिस इस मामले में सख्ती करती तो पूरे मामले का  पर्दाफाश हो सकता था।  पुलिस ने इस मामले को अपराह्न की धाराओं में नहीं बताकर उसे सिर्फ गुमशुदगी में दर्ज किया है जिससे परिजनों का आक्रोश और बढ़ गया है।  ग्रामीणों ने इस घटनाक्रम के विरोध में धरना प्रदर्शन भी किया लेकिन इसका भी पुलिस वालों पर कोई असर नहीं पड़ा है ।  परिजनों का कहना है की जब आरोपियों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज तो फिर उनके साथ सख्ती क्यों नहीं बरती जा रही । हालांकि वैर थाना पुलिस का कहना है की मामला गुमशुदगी में दर्ज किया गया है। मामले की जांच की जा रही है। आरोप लगाने का क्या है कोई कुछ भी लगा दे। हम विधि सम्मत ही कार्यवाही करेंगे। अगर कोई दोषी होगा तो उसे छोड़ा नहीं जाएगा।

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