रील बनाने के चक्कर में पलटा ट्रैक्टर, बची जान

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लोक टुडे न्यूज नेटवर्क

सवाई माधोपुर से खबर , रिपोर्टर लोकेश टटवाल

मित्रपुरा: रील (Reel) बनाने का जुनून लोगों पर इस कदर हावी है, वह अपनी जान तक जोखिम में डाल देते हैं, ऐसा ही मामला सवाई माधोपुर जिले के बोली थाना क्षेत्र के जस्टाना हाईवे का सोशल मीडिया पर वीडियो जमकर वायरल हो रहा है, यहां रील बनाने के लिए धुआं दिखाना था, जिसके लिए चार पांच युवक महिन्द्रा टैक्टर से स्टेट हाईवे रोड पर घोल चक्र लगा रहे थे, कुछ मिनटों में टैक्टर असंतुलित होकर पलटी खा गया, आसपास के लोगों ने ट्रैक्टर को सीधा किया और एक युवक को बाहर निकाला, वही बड़ा हादसा होते होते टल गया, कोई जनहानि नहीं हुए।

रील्स के पीछे छिपा खतरा

रील्स और शॉर्ट वीडियो का चलन बढ़ने के साथ ही युवाओं में खतरनाक स्टंट करने की प्रवृत्ति भी बढ़ रही है। लोग बिना सोचे-समझे रेलवे ट्रैक, ऊँची इमारतों, पानी के झरनों, और तेज़ रफ़्तार वाहनों के सामने स्टंट करने लगते हैं। इस दौरान उन्हें अपनी जान जाने का खतरा तक नजर नहीं आता। सोशल मीडिया पर मिलने वाली थोड़ी-सी प्रसिद्धि के लिए लोग इतने बड़े खतरे मोल ले रहे हैं कि वे अपनी सुरक्षा को भी भूल जाते हैं।

युवाओं को कौन समझाए?

समस्या यह है कि सोशल मीडिया पर वायरल होने का नशा युवाओं पर इस कदर हावी हो चुका है कि वे अपनी सुरक्षा और भविष्य की चिंता किए बिना खतरनाक स्टंट कर रहे हैं। माता-पिता और समाज को इस पर ध्यान देने की ज़रूरत है।

सोशल मीडिया कंपनियों की ज़िम्मेदारी

सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स को भी अपनी ज़िम्मेदारी समझनी होगी। उन्हें ऐसे वीडियो को बढ़ावा देने की बजाय, खतरनाक स्टंट वाले कंटेंट पर सख्त मॉनिटरिंग करनी चाहिए। अगर कोई व्यक्ति जानलेवा स्टंट करता है, तो उसके वीडियो को तुरंत हटाया जाना चाहिए और उसे चेतावनी दी जानी चाहिए।

निष्कर्ष

रील्स और शॉर्ट वीडियो बनाना गलत नहीं है, लेकिन इसके लिए अपनी जान जोखिम में डालना सबसे बड़ी मूर्खता है। युवा पीढ़ी को समझना होगा कि जीवन कीमती है, और उसे केवल कुछ सेकंड की प्रसिद्धि के लिए दांव पर नहीं लगाया जाना चाहिए। माता-पिता, समाज और सरकार को मिलकर इस प्रवृत्ति को रोकने के लिए कदम उठाने होंगे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

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