ऑनर किलिंग मामले में पिता को मौत की सजा और अन्य 10 आरोपियों को उम्रकैद

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लोक टुडे न्यूज नेटवर्क

सीकर से योगेश ऋषिका की रिपोर्ट

सीकर । ऑनर किलिंग मामले में पिता को मौत की सजा और अन्य 10 आरोपियों को उम्रकैद सुनाई है। इसमें चाचा और मामा सहित अन्य लोग शामिल हैं। वहीं तीन आरोपियों को बरी किया गया है। फैसला शनिवार को सीकर अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश संख्या 1 (एडीजे कोर्ट-1) ने सुनाया है। मामला साल 2019 का है। जिसमें पिता ने अपनी बेटी और उसके प्रेमी को सहयोगियों के साथ मिलकर जान से मारा था।
सीकर के आलोदा गांव की रहने वाली प्रेम (19) का करड़ निवासी गणपतलाल (38) से अफेयर था। 20 अक्टूबर 2019 की रात को युवती अपने प्रेमी से बात कर रही थी। इसका पता पिता रामगोपाल को लग गया था। इसके बाद पिता ने प्लानिंग के तहत अपने रिश्तेदारों और सहयोगियों के साथ मिलकर बेटी और उसके प्रेमी की हत्या कर दी थी। हत्या के बाद शवों को जीणमाता इलाके की पहाड़ियों में फेंक दिया था।
गणपत के भाई ने उसके अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने जांच की तो हत्या होना सामने आया था। जांच के बाद युवती के पिता रामगोपाल को गिरफ्तार किया गया था।

 


इनको मिली सजा :
चाचा महादेव, मामा परसराम चोपड़ा, चचेरा भाई महेंद्र चौधरी उर्फ महेंद्र मील, नंदलाल नंदकार, बीरबल, सोहनलाल, मदनलाल चांदीवाल, संदीप गुर्जर, बाबूलाल उर्फ हरनेक सिंह, परसराम और राजेश चौधरी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। महेंद्र चोपड़ा, महेंद्र गुर्जर और छोटूराम उर्फ छोटू को बरी कर दिया है।
यह था मामला :
मामला 20 अक्टूबर 2019 की रात का है। प्रेम का गणपतलाल से प्रेम प्रसंग था। रात को युवती अपने प्रेमी से बात कर रही थी। पिता रामगोपाल को इस बात की भनक लग गई थी कि उसकी बेटी का किसी युवक के साथ प्रेम-प्रसंग चल रहा है। ऐसे में 21 अक्टूबर की रात रामगोपाल ने बेटी की बुरी तरह पिटाई की थी। इसके बाद उससे गणपत को बुलाने को कहा। गणपतलाल बाइक लेकर जैसे ही पेट्रोल पंप के पास पहुंचा तो रामगोपाल के कहने पर अन्य परिजनों ने उसका किडनैप कर लिया था। इसके बाद घर ले जा कर दोनों के साथ बेरहमी से मारपीट की थी। के पिता रामगोपाल को गिरफ्तार किया गया था।

मारपीट के दौरान दोनों की मौत हो गई थी
मारपीट के दौरान दोनों की मौत हो गई तो उनके शवों को रामगोपाल ने गाड़ी में डालकर जीणमाता-मांडोली की पहाड़ियों में सुनसान इलाके में फेंक दिया। इसके बाद रामगोपाल ने खाटूश्यामजी थाने में अपनी ही बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। संदेह जताया कि कुछ अज्ञात लोग उसकी बेटी का किडनैप कर ले गए थे।
वहीं 23 अक्टूबर को युवक गणपत के भाई बलदेव ने उसके अपहरण की रिपोर्ट रानौली थाने में दर्ज करवाई थी। इसके बाद हत्या के मामले का खुलासा हुआ। अभियोजन पक्ष की ओर से 69 गवाह और 270 आर्टिकल पेश किए गए। घटनास्थल के सीसीटीवी कोर्ट की ओर से ट्रायल के दौरान देखे गए, जिनमें दोनों के साथ आरोपी मारपीट करते हुए नजर आ रहे थे।

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