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मूंगफली निर्यात बढ़ाने की संभावनाओं पर हुई चर्चा

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लोक टुडे न्यूज नेटवर्क

कृषि विभाग व एपीडा के संयुक्त तत्वावधान में बैठक आयोजित
विजय कपूर की रिपोर्ट
बीकानेर। कृषि विभाग व कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के संयुक्त तत्वावधान में आत्मा सभागार में आयोजित बैठक में मूंगफली निर्यात बढ़ाने की संभावनाओं पर चर्चा हुई। इस दौरान निर्यात के लिए ‘पी-नट डॉट नेट के माध्यम से फार्म व फार्मर पंजीकरण’ विषय की जानकारी दी गई। बैठक के मुख्य अतिथि कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण, नई दिल्ली के उप महाप्रबंधक मान प्रकाश विजय थे। विशिष्ठ अतिथि के रूप में एसकेआरएयू के क्षेत्रीय अनुसंधान निदेशक डॉ एच एल देशवाल मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता संयुक निदेशक कृषि मदन लाल ने की। कृषि अधिकारी मुकेश गहलोत ने पावर पाइंट प्रजन्टेशन के माध्यम से बताया कि यूरोपीयन देशों में मूंगफली निर्यात के लिए एफ़्लैटॉक्सिन का स्तर 2 पीपीबी से कम होना जरूरी है। मूंगफली उत्पादन में भारत विश्व में चीन के बाद दूसरे स्थान पर है। भारत से 6.80 लाख मीट्रिक टन मूंगफली का निर्यात हो रहा है। देश में गुजरात के बाद राजस्थान मूंगफली उत्पादन में दूसरे स्थान पर है। बीकानेर में 3.30 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में मूंगफली की बुवाई की जाती है। श्रीडूंगरगढ़, बीकानेर, बज्जू, नोखा व अन्य क्षेत्र में उत्पादित मूंगफली का निर्यात बढ़ाने की व्यापक संभावनाएं विद्यमान है। कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिक डाॅ एस पी सिंह, डॉ. बीडीएस नाथावत, डॉ नरेन्द्र कुमार नें मूंगफली उत्पादन की उन्नत कृषि तकनीकी पर विचार रखे। नाबार्ड के डीडीएम रमेश ताम्बिया ने वैल्यू चेन पार्टनर मूंगफली पर केन्द्रित एफपीओ को पंजीकरण प्रक्रिया में शामिल करते हुए निर्यात बढ़ाने पर बल दिया।

मूंगफली दाना मिल एसोसिएशन के दिनेश जैन, वरूण मूंदड़ा व अन्य निर्यातकों ने मूंगफली में एफ़्लैटॉक्सिन कवक एस्परजिलस फ्लेवस की जांच प्रयोगशाला स्थापना की मांग रखी। एपीडा के डीजीएम मान प्रकाश विजय ने बताया कि राजकीय संस्थान को एपीडा लैब स्थापना पर 90 प्रतिशत तक अनुदान स्वीकृत कर सकता है। विशेषज्ञों ने कहा कि क्षेत्र में लैब की स्थापना, स्वास्थ्य प्रमाण पत्र व मंडी शुल्क में कमी, कच्चे माल की किसानों से सीधी खरीद से मूंगफली का निर्यात बढ़ सकता है। निर्यात के लिए फ़ार्म व फार्मर पंजीकरण प्रक्रिया पर प्रस्तुतीकरण दिया। सहायक निदेशक कृषि सुरेंद्र मारू ने आभार जताया। बैठक में कृषि विभाग के अधिकारी रघुवर दयाल सुथार, राजूराम डोगीवाल, एफपीओ प्रतिनिधि सुशील कुमार, जुगल किशोर, मूंगफली प्रसंस्करण इकाई प्रतिनिधि नौरंग नाथ सिद्ध, ओमप्रकाश बाना, लक्ष्मी शंकर श्रीमाली, चंद्रेश पवार, वरुण भोजक, प्रताप सिंह, निखिल दुसाद, अभिषेक कोठारी, बृजमोहन चांडक, दिनेश कुमार जैन, मुन्ना कल्ला, ओमप्रकाश, अमित खत्री, योगेश जिंदल मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन कृषि अधिकारी मुकेश गहलोत ने किया।

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