लोक टुडे न्यूज नेटवर्क
झालरापटन/जयपुर।पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि बादल कुछ देर तो सूरज के आगे आकर उसे अदृश्य कर सकते हैं,पर अधिक देर तक सूरज की दमक को रोकने का सामर्थ्य उनमें नहीं होता।महाराणा प्रताप के जीवन से हमें यह प्रेरणा लेनी चाहिए।उन्होंने ये भी कहा कि आजकल लोग पीठ में छुरा घोपनें में माहिर हैं।जबकि महाराणा कभी ऐसा नहीं करते थे।वे निहत्थे पर वार भी नहीं करते थे।दो तलवार साथ रखते थे,एक अपने लिए और एक निहत्थे के लिए। राजे महाराणा प्रताप की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम में बोल रही थी।वे बोली उन्होंने महिलाओं पर कभी हमला नहीं किया।वे मातृभूमि की रक्षा के लिए अंत तक लड़े।पूर्व सीएम ने महाराणा प्रताप के 10 सीख बताते हुए कहा कि समय का चक्र पहिये सा घूमता है। महलों में मख़मल पर सोने वाले राजा को भी जंगल में काँटों पर सोना पड़ता है। महाराणा का जीवन दर्शन हमें यही सिखाता है।महाराणा का सिद्धांत था अत्यंत विकट परिस्थिति में भी जो हार नहीं मानते हैं,जीत उन्ही की होती है।जो सुख में अति प्रसन्न और संकट में डर कर झुक जाते हैं,उन्हें न तो सफलता मिलती और न ही इतिहास उन्हें याद रखता।सांप से कितना ही प्रेम करलो,वह अपने स्वभाव के अनुरूप कभी न कभी तो आप पर जहर उगलेगा ही।सर कटालो,लेकिन दुश्मन के सामने कभी सर मत झुकाओ।जब तक लक्ष्य प्राप्ति न हो जाये,तब तक 24 घंटे जागते रहो।सोओ मत।
ये रहे मौजूद-अचार्य प्रज्ञा सागर जी महाराज,निरंजन नाथ जी महाराज अवधूत गऊघाट,रामदास जी महाराज लूटरीवाले,झंकारे श्वर महाराज पीपाधाम,साँसद दुष्यंत सिंह,राजपूत छात्रावास समिति के अध्यक्ष कृष्ण पाल सिंह झाला,संरक्षक चंद्र सिंह जी नाथावत,अतुलजीत सिंह झाला,गाडुलिया लुहार समाज अध्यक्ष बाल चंद,प्रांतीय उपाध्यक्ष घासी लाल,आरपीएससी के पूर्व अध्यक्ष श्याम सुंदर शर्मा,विधायक गोविंद रानीपुरिया,कालू मेघवाल,जिला प्रमुख प्रेम बाई डांगी,भाजपा नेता संजय ताऊ,पालिका अध्यक्ष वर्षा चांदवाड़,नीरज डांगी।