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जब दर पर तुम्हारे ही अदमो का ठिकाना हो सांवरिया* भजन ने भक्ति रंग जमाया

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लोक टुडे न्यूज नेटवर्क

नेट-थियेट पर *काया तिर जासी* कार्यक्रम
जब दर पर तुम्हारे ही अदमो का ठिकाना हो सांवरिया* भजन ने भक्ति रंग जमाया
जयपुर। नेट-थियेट कार्यक्रमों की श्रृंखला में आज *काया तिर जासी* कार्यक्रम में कलाकार *रतनलाल गठरिया* ने भजनों की रस गंगा से आनंदित किया।
नेट-थियेट के राजेन्द्र शर्मा राजू ने बताया कि कलाकार रतन लाल ने अपने कार्यक्रम की शुरूआत थारो जन्म मरण रो से की।इसके बाद उन्होंने भजन *राम ने भजे सा मन म्हारा लोभी राम ने भजे सा काया तिर जासी* को बड़े ही सरीले अंदाज में सुना कर सभी को मंत्र मुग्ध किया ।
उसके बाद उन्होंने सुप्रसिद्ध भजन *जब दर पर तुम्हारे ही अदमो का ठिकाना हो फिर मेरी ही किस्मत में क्यों रंज उठाना हो* और *भरोसे थाके चाली जी सतगुरु म्हारी नाव* भजन को बड़े ही मनोयोग से गाकर अपनी गायिकी का परिचय दिया ।

इनके साथ तबले पर बरकत अली ने संगत कर भजन संध्या को ऊंचाइयां दी ।
कार्यक्रम संयोजक नवल डांगी,प्रकाश एवं कैमरा मनोज स्वामी, संगीत विनोद सागर गढवाल ने किया। मंच सज्जा अंकित शर्मा नोनू एवं जीवितेश शर्मा की रही।

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