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गारमेंट मैन्युफैक्चर एसोसिएशन ने की पुलिस सत्यापन प्रक्रिया को सुगम करने की मांग

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लोक टुडे न्यूज नेटवर्क

पुलिस की आकस्मिक कार्यवाही से निर्दाेष श्रमिकों का हो रहा पलायन, जिला पुलिस अधीक्षक सौपा ज्ञापन

भीलवाडा। (पंकज पोरवाल) औद्योगिक इकाइयों में कार्यरत श्रमिकों में रोहिंग्या-बांग्लादेशीयो की पहचान के लिए पुलिस प्रशासन के दस्तावेज सत्यापन अभियान को लेकर की जा रही आकस्मिक कार्रवाई से पश्चिम बंगाल क्षेत्र सहित अन्य राज्यों के निर्दाेष व ईमानदार फैक्ट्री श्रमिकों में भय व्याप्त हो रहा हैं। पुलिस सहित उद्यमियों को भी संदेह है कि श्रमिकों में बांग्लादेशी या रोहिंग्या मुस्लिम भी शामिल हो सकते हैं।

लेकिन रोजी रोटी कमाने बाहर से आए बेकसूर श्रमिकों को पहचान के नाम पर नाजायज परेशान करना कतई न्यायोचित नहीं है। गारमेंट मैन्युफैक्चर एसोसिएशन (रजि.) के सदस्य दिनेश सुवालका ने बताया कि पुलिस व प्रशासन द्वारा भारत सरकार की गाइडलाइन के तहत औद्योगिक इकाइयों में कार्यरत श्रमिकों का पहचान सत्यापन किया जा रहा हैं, ओर उद्यमियों द्वारा पूरी तरह से प्रशासन का सहयोग भी किया जा रहा है, परंतु पुलिस द्वारा बिना पूर्व सूचना के इकाइयों में कार्यवाही की जा रही है, इससे निर्दाेष व ईमानदार भारतीय नागरिकता प्राप्त श्रमिको में दहशत व्याप्त हो रही हैं।

इसका प्रभाव फैक्ट्रियों के उत्पादन पर पड़ रहा है। कई श्रमिक भीलवाड़ा से पलायन कर रहे हैं। इस संदर्भ में गारमेंट मैन्युफैक्चर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रकाश शर्मा व नगर निगम महापौर राकेश पाठक के नेतृत्व में जिला पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देकर दस्तावेज प्रकिया को सुगम कराने की मांग की गई। इस दौरान जिला पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र कुमार एवं एडिशनल एसपी पारसमल जैन ने आश्वस्त किया कि उद्योग बिना श्रमिक के नहीं चल सकते अतः पश्चिम बंगाल के जो भी श्रमिक हैं वह भारतीय हैं उनके साथ किसी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा परंतु पश्चिम बंगाल के आधार कार्ड पर कोई रोहिंग्या या बांग्लादेशी मुस्लिम फैक्ट्री में कार्यरत है तो उसे नहीं बक्शा जायेगा। पुलिस अधीक्षक ने उद्यमियों का आह्वान किया है कि एक प्रारूप में आपके यहां काम कर रही लेबर की पूर्ण जानकारी पुलिस को दें, ताकि हम गहनता से जांच कर पाए।

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