लोक टुडे न्यूज नेटवर्क
अजमेर(नितिन मेहरा)। भारतीय रेल मंत्री, भारत सरकार अश्विनी वैष्णव ने आज दिनाँक 03.02.2025 को बजट 2025 में शामिल रेलवे संबंधित बिंदुओं पर जानकारी देने हेतु नई दिल्ली में प्रेस वार्ता की । सभी जोनल रेलवे को इससे ऑनलाइन जोड़ा गया। महाप्रबंधक उत्तर पश्चिम रेलवे अमिताभ सहित अजमेर मंडल व उत्तर पश्चिम रेलवे के अन्य तीन मंडल जयपुर, जोधपुर व बीकानेर के मंडल रेल प्रबंधक व अन्य अधिकारी प्रेस वार्ता से ऑनलाइन जुड़े। अजमेर मंडल से मंडल रेल प्रबंधक राजू भूतड़ा, अपर मंडल रेल प्रबंधक बलदेवराम व वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक बी सी एस चौधरी, मण्डल के समस्त शाखाधिकारी तथा प्रेस मीडिया प्रतिनिधि मंडल कार्यालय से इस प्रेस वार्ता से जुड़े।
माननीय रेल मंत्री व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री भारत सरकार अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी की केंद्रीय बजट में बड़े आवंटन की बदौलत भारतीय रेलवे पूरे देश में सभी के लिए तेज, सुरक्षित और आरामदायक रेल यात्रा का विस्तार करने के लिए तैयार है। देश को अगले दो से तीन वर्षों में 200 नई वंदे भारत ट्रेनें, 100 अमृत भारत ट्रेनें, 50 नमो भारत रैपिड रेल और 17,500 सामान्य नॉन एसी कोच मिलने की उम्मीद है। लगातार दूसरी बार रेल मंत्रालय को सकल बजटीय सहायता के रूप में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 2,52,000 करोड़ रुपये की बड़ी राशि आवंटित की गई है । केंद्रीय बजट विकसित भारत के लिए एक रोडमैप है। इस साल के बजट में रेलवे की चार लाख साठ हजार करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं का उल्लेख है। सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हुए बजट में विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से भारतीय रेलवे की सुरक्षा बढ़ाने के लिए इस वर्ष व्यय के लिए एक लाख सोलह हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। रेलवे अपने आंतरिक संसाधनों से 3,000 करोड़ रुपये जुटाएगा। भारतीय रेलवे का शुद्ध राजस्व व्यय इस वर्ष के बजट अनुमान में 3,02,100 करोड़ रुपये रखा गया है, जबकि पिछले वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान में यह 2,79,000 करोड़ रुपये था। इस वित्त वर्ष का सकल बजटीय समर्थन 2013-14 के केवल 28,174 करोड़ रुपये का लगभग 9 गुना है। भारतीय रेलवे इस वित्त वर्ष के अंत तक 1.6 बिलियन टन कार्गो तक पहुंचकर दूसरी सबसे अधिक माल ढुलाई करने वाली रेलवे बनने के लिए तैयार है। हाई स्पीड ट्रेनों के संदर्भ मे बात करें तो भारत का लक्ष्य 2047 तक 250 किलोमीटर प्रति घंटे की गति का समर्थन करने वाला 7000 किलोमीटर हाई स्पीड रेल नेटवर्क बनाना है। भारतीय रेलवे वित्त वर्ष 2025-26 के अंत तक 100 प्रतिशत विद्युतीकरण हासिल कर लेगा।