लोक टुडे न्यूज नेटवर्क
उनियारा (सत्यप्रकाश मयंक) । उपखंड क्षेत्र के ककोड़ ग्राम पंचायत परिसर में कृषि विभाग के तत्वावधान में फसलों में उत्पादकता बढ़ाने के लिए बीजोपचार कार्यक्रम आयोजित किया गया । जिसमें कृषकों को बीजोपचार करके डीएपी के स्थान पर सिंगल सुपर फाॅस्फेट उर्वरक काम में लेने की सलाह दी गई। कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक वीरेन्द्र सिंह सोलंकी ने कहा कि अधिक उत्पादन के लिए बीजोपचार आवश्यक है। बीज उपचार करने से रोगों व कीटों से बीज की सुरक्षा के साथ बीज की अंकुरण क्षमता एवं फसल उत्पादन में भी वृद्धि होती हैं। फसलों को रोगों व कीटों से बचाने के लिए बीजोपचार करना आवश्यक है ।उन्होंने बताया कि इस बार मानसून की अच्छी वर्षा के कारण जिले के बांधों, जलाशयों एवं फॉर्म पौंड में पानी की पर्याप्त उपल्ब्धता में रबी फसलों की बुवाई के समय किसानों द्वारा फास्फेटिक उर्वरक के रूप में डीएपी के उपयोग का प्रचलन अधिक है। किसानों द्वारा फॉस्फेटिक उर्वरक के रूप में केवल डीएपी पर अधिक निर्भरता मांग एवं आपूर्ति का अनुपात बिगड़ जाता है
कृषि अधिकारी कजोड़ मल गुर्जर ने बताया कि भूमि में संतुलित उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जिले के किसानों को कृषि विभाग की तरफ से आवश्यक सलाह दी गई है । सिंगल सुपर फाॅस्फेट एक फॉरफोरस युक्त उर्वरक है, जिसमें 16 प्रतिशत फॉस्फोरस एवं 11 प्रतिशत सल्फर की मात्रा पाई जाती है। सहायक कृषि अधिकारी शंकर लाल मीणा ने कहा कि सिंगल सुपर फॉस्फेट मे सल्फर होने के कारण यह उर्वरक तिलहनी एवं दलहनि फसलों के लिए डीएपी उर्वरक की अपेक्षा अधिक लाभदायक होता है। सिंगल सुपर फाॅस्फेट उर्वरक का उत्पादन राज्य में होने के कारण आसानी से उपलब्ध है। इस अवसर पर कृषि पर्यवेक्षक लव कुमार गुर्जर, रामबिलास गुर्जर, रविन्द्र बैरवा, आशाराम प्रजापत, रामदेव धाकड़.जगदीश धाकड़ सहित कई किसान मौजूद थे।