लोक टुडे न्यूज नेटवर्क
जयपुर, हरियाणा। सारे टीवी चैनलों और समाचार पत्रों के चुनाव के बाद हुए एग्जिट पोल एक बार फिर उलट साबित हुए, हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की तीसरी बार स्पष्ट बहुमत से सरकार बनेगी । वहीं हरियाणा में ऐसा करने वाली भाजपा पहली पार्टी होगी जिसने अपने दम पर लगातार तीसरी बार सरकार बना रही हो। पार्टी को 90 सीटों में से 41 सीटों पर जीत मिल चुकी है और 7 सीटों पर बढ़त है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस स्ट 33 सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी है और चार सीटों पर बढ़त है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि हरियाणा की जनता ने कांग्रेस के झूठ को करार दिया । कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के दावेदार भूपेंद्र हुड्डा बड़े मार्जिन से चुनाव जीत गए। लेकिन उन्होंने चुनाव रिजल्ट को चौंकाने वाले बताया। भाजपा की लगातार हरियाणा में हुई तीसरी बार जीत को लेकर हरियाणा से लेकर जयपुर तक भाजपा में जश्न का माहौल है और सभी लोग पीएम मोदी को इस जीत का श्रेय दे रहे हैं। हालांकि पार्टी को जम्मू कश्मीर में जरूर शिकायत मिली है । लेकिन यहां भाजपा सबसे बड़ी विपक्ष की पार्टी के तौर पर उभरी है।
हरियाणा में कुल 90 सीटे हैं जिनमें से 48 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की है। कांग्रेस पार्टी को 37 सीट मिली है । वहीं इनेलो और बसपा दो सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी है। इस बार जेजेपी और एसपी का खाता भी नहीं खुला है ।आम आदमी पार्टी भी 0% रह गई है। वहीं निर्दलीय तीन सीटों पर जीत पाए हैं। हालांकि सीटों का मार्जिन ऐसा है कि यदि कांग्रेस पार्टी समय रहते बहुजन समाज पार्टी इनेलो और आम आदमी पार्टी से समझौता कर लेती तो नतीजा कुछ और होता । लेकिन कांग्रेस पार्टी के स्थानीय नेता इतने ओवरकॉन्फिडेंस थे कि उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व के आम आदमी पार्टी से समझौता करने के निर्णय को भी अस्वीकार कर दिया और अपने दम पर चुनाव लड़ने की कोशिश की और लड़ा भी ,कहीं न कहीं कांग्रेस पार्टी का जो वोट बैंक था उसमें सेंध लगाई। जेजेपी और एसपी में भी कुछ वोट चले गए । आम आदमी पार्टी ने भी कई सीटों पर वोट काटे । इनेलो बसपा ने भी कांग्रेस को ही नुकसान पहुंचाया। भारतीय जनता पार्टी अपने दम पर लड़ी, अकेले लड़ी और जोरदार लड़ी इसलिए भारतीय जनता पार्टी को 48 सीटों पर जीती। जबकि कांग्रेस पार्टी 37 सीटों पर सिमट गई क्योंकि जो सहयोगी पार्टियों लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के साथ थी वह विधानसभा चुनाव में अलग-अलग थी और सबने अलग-अलग चुनाव लड़ा, जिसका खामियाजा कांग्रेस पार्टी को भुगतना पड़ा है । हालांकि कांग्रेस पार्टी नेशनल कांफ्रेंस के साथ जम्मू कश्मीर में सरकार बनाने में कामयाब हो गई है ।लेकिन हरियाणा में सरकार बनाने का कांग्रेस पार्टी का सपना चकनाचूर हो गया है और यहां के नेताओं की हटधर्मिता ही इसका सबसे बड़ा कारण है।
नतीजे से पहले ही शैलजा कुमारी और भूपेंद्र हुड्डा में मुख्यमंत्री बनने की होंड मच गई थी । यह वोट चुनाव में भी देखी गई। यही कारण है कि जनता जनार्दन समझ गई कि यहां मुख्यमंत्री की लड़ाई अंत तक चलेगी और जनता ने यहां पर एंटी जाट भी वोट कास्ट किया।