सियासी मुलाकात से सूबे की राजनीति में उबाल
नई दिल्ली। पंजाब में सियासी उठापटक के बीच राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ रहे सचिन पायलट ने आज दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आवास 12 तुगलक लेन पहुंचकर उनसे मुलाकात की । इस दौरान कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी भी वहां मौजूद रही। सचिन पायलट और विधायक तीन मंत्री एक कांग्रेस विधायक विधायक के दिल्ली में डेरा जमाए हुए होने से मुलाकात के सियासी मायने निकाले जा रहे है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से सचिन पायलट ने अकेले में मुलाकात की और राजस्थान की राजनीति को लेकर चर्चा की । राजस्थान के राजस्व मंत्री और पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी पहले से ही दिल्ली में है । वे पंजाब में हुए बदलाव को लेकर राहुल गांधी से संपर्क में है। गुरुवार को राहुल गांधी द्वारा बुलाई गई बैठक में चौधरी भी शामिल हुए थे। इसके साथ ही प्रदेश के खान मंत्री प्रमोद जैन भाया आज सुबह दिल्ली पहुंचे, फिर किसी धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुए।
रघु शर्मा ने भी राहुल- प्रियंका से मुलाकात
वहीं राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा भी शुक्रवार को दिल्ली पहुंचे और राहुल गांधी से मुलाकात की । यहां सबसे चौकाने वाला नाम रघु शर्मा का ही माना जा सकता है। क्योंकि रघु शर्मा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सबसे विश्वसनीय मंत्रियों में से एक है। निर्दलीय विधायक ओम प्रकाश हुहला भी शुक्रवार को दिल्ली में रहे। रघु शर्मा ने पहले राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की। ये मुलाकात लंबी चली। इस मुलाकात को भी पंजाब की तर्ज से जोड़कर देखा जा सकता है। क्योंकि पंजाब में भी बगैर तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंद्र सिंह को बताए ही दिल्ली में सीएलपी की तीन बार सोनिया गांधी ने बैठक बुला ली थी। इस पर जब अमरिंद्र सिंह ने ऐतराज जताया था। बाद में परिणाम सबके सामने है। चिकित्सा मंत्री का राहुल गांधी से मुलाकात करना और राजस्थान का फीडबैक लेना कहीं न कहीं आने वाले समय में बदलाव के संकेत दे रहा है।
सचिन पायलट ने अकेले ही की मुलाकात
सचिन पायलट ने राहुल गांधी के साथ अकेले ही मुलाकात की। इस दौरान प्रियंका गांधी ने राजस्थान के वर्तमान होलात को लेकर फीडबैक लिया। दोनों के बीच सभी मुद्दों पर बातचीत हुई। दोनों नेताओं के बीच की बातचीत का विवरण न तो सचिन पायलट ने दिया और न ही राहुल गांधी ने मीडिया से कोई बात की। यहां तक की दोनों ने मुलाकात के बाद किसी तरह का कोई ट्वीट भी नहीं किया। लेकिन माना जा रहा है कि सचिन को कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। अभी तक ये माना जा रहा था कि पायलट को पीसीसी चीफ बनाया जाना तय है। लेकिन गहलोत गुट के मंत्रियों और कांग्रेस और एक निर्दलीय विधायक की दिल्ली में मौजूदगी कुछ खटके का संकेत जरुर दे रही है। हो सकता है यहां भी पंजाब की तर्ज पर कुछ करने का राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी के मन में चल रहा हो। यदि राजस्थान में मुख्यमंत्री नहीं बदले जाएंगे तो भी प्रदेशाध्यक्ष तो बदला जाना तय माना जा रहा है। ये भी माना जा रहा है कि अब सचिन पायलट भी पीसीसी चीफ के पद के लिए राजी हो गए है। लेकिन क्या वे इतने दिन शांत रहने के बाद इस पद के लिए इतनी आसानी से मान जाएंगे। ये भी बड़ा सवाल है।
पंजाब की तर्ज पर नेताओँ से मुलाकात ने बढ़ाई चिंता
पंजाब में भी मुख्यमंत्री अमरिंद्र सिंह सरकार में व्यस्त थे और आलाकमान ने एक – एक कर विधायकों से फी़डबैक लिया। जो हुआ सबके सामने है। बैठक के दौरान राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा बी 12 तुगलक लेन पहुंचे। हालांकि उन्होंने इस विषय पर कोई बात नहीं की। लेकिन चेहरे हाव- भाव बता रहे थे कि वे काफी प्रसन्नचीत मुद्रा में थे। दिल्ली में पायलट की राहुल- प्रियंका से मुलाकात के सूबे की सियासत में कई मायने निकाले जा रहे है। आपको बता दें कि 1 दिन पूर्व सचिन पायलट ने राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी से भी मुलाकात की थी । आज दिल्ली में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से उनका मुलाकात करना सूबे की सियासत में हलचल पैदा होना लाजिमी ही है। हालांकि नेताओँ का एक गुट है जो ये मानता है कि यहां अशोक गहलोत का कोई विकल्प नहीं है। विधायकों की संख्या भी पायलट के मुकाबले ज्यादा उनके साथ ही है। ऐसे में सचिन पायलट को को एक बार फिर से राजस्थान में पीसीसी बनाया जा सकता है। इसको लेकर अन्य दूसरे नेताओं को भी विश्वास में लिया जा रहा है। या फिर हो सकता है कि पंजाब की तर्ज पर मंत्रियों और विधायकों को बुलाकर फीडबैक लेने के बाद राहुल गांधी- प्रियंका गांधी कोई निर्णय ले। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत स खास माने जाने वाले डॉ रघु शर्मा, खान मंत्री प्रमोद जैन भाया और राजस्व मंत्री हरीश चौधरी का दिल्ली में होना राहुल गांधी से मिलना सूबे की ठंडी प़ड़ी सियासत में हलचल पैदा जरुर कर रहा है। हालांकि अभी तक इस मिटिंग को लेकर पायलट और कांग्रेस पार्टी की और से किसी तरह का कोई बयान नहीं आया और आने की उम्मीद भी नहीं है। लेकिन कम से कम इस मुलाकात ने पायलट समर्थकों का हौंसला बढ़ा दिया है। वहीं गहलोत समर्थकों की चिंता। मामला गडबड़ है।