सरकार के बाद पार्टी से भी ठाकरे परिवार बाहर
ठाकरे परिवार के बुरे दिन
मुंबई। कहते है न जब उल्टे दिन आते है तब ऐसा ही होता है। शिवसेना सुप्रीमों उद्दव ठाकरे को ठेंगा दिखाते हुए पहले सत्ता से दूर किया और अब विधायकों के बाद शिवसेना के सभी सांसदों को अपने पाले में कर लिया। शिंदे ने सोमवार को ही सभी सांसदों को वीसी के जरिए शिवसेना की मीटिंग से जोड़ा था। इस मिटिंग में शिवसेना के 14 विधायक जुड़े थे। वहीं उनसे शिवसेना के 40 विधायक पूर्व में ही जुड़ चुके है। ऐसी स्थिति में अब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे शिवसेना पर चुनाव आयोग में दावा ठोक रहे है।
शिंदे शिवसेना की कार्यकारिणी भंग कर चुके है। अब वो चुनाव आयोग जाकर शिवसेना पर दावा ठोक रहे है। आपको बता दे कि जब राज ठाकरे को पार्टी की बागडोर नहीं मिली थी तब भी ऐसे ही हालात थे कि शिवसेना टूट जाएगी। राजठाकरे ने दूसरी पार्टी खड़ी की लेकिन उसे वो आशातीत सफलता नहीं मिली। अब उद्दव ठाकरे के नेतृत्व में चलती हुई सरकार को गिराकर नई सरकार बनाने के बाद भी एकनाथ शिंदे भाजपा के साथ मिलकर शिवसेना को खास तौर पर उद्दव ठाकरे को जमीन पर लाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे।