(महेश झालानी की कलम से साभार) वरिष्ठ पत्रकार
जयपुर।अश्लील वीडियो कांड में यद्यपि एसओजी और विजिलेंस की जांच पूरी नही हुई है । लेकिन इतना सुराग अवश्य लगा है कि कालवाड़ थाने में महिला सिपाही राजेश कुमारी के पति खेमाराम द्वारा दर्ज रिपोर्ट के बाद मामले को रफादफा करने की प्रक्रिया प्रारम्भ होगई थी । कुछ पुलिस अधिकारी बहती हुई गंगा में हाथ धोना चाहते थे । पुलिस की छवि खराब करने वाले इन अधिकारियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज करना आवश्यक होगा । संस्पेंशन इज नोट पनिशमेंट ।
खेमाराम ने दर्ज कराया था मुकदमा
ज्ञात हुआ है कि अश्लील वीडियो कांड का सबसे पहले भंडाफोड़ खुद राजेश कुमारी के पति ने ही किया था । खेमाराम द्वारा जयपुर के कालवाड़ थाने में दिनांक 28 जुलाई को थाने में व्यक्तिशः उपस्थित होकर एक शिकायत पेश करते हुए एफआईआर दर्ज करने का आग्रह किया गया था । इतनी गंभीर शिकायत के बाद भी कालवाड़ पुलिस ने कोई कार्रवाई करने के बजाय रोजनामचे दर्ज कर कर्तव्य की इतिश्री कर ली ।
कालवाड़ पुलिस सेटिंग में लगी रही
कालवाड़ पुलिस की ओर से जब कोई कार्रवाई नही की गई तो खेमाराम ने जरिये डाक नागौर के एसपी को एक शिकायती पत्र भेजकर आग्रह किया कि पोक्सो एक्ट के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया जाए । एसपी कार्यालय को यह पत्र 10 अगस्त को प्राप्त हुआ और अगले दिन क्राइम असिस्टेंट ने थाना चितावा को आवश्यक कार्रवाई के लिए भिजवा दिया । यह जांच का विषय है कि राजेश कुमारी के पति खेमाराम को अश्लील वीडियो की जानकारी कैसे और किससे मिली ।
वीडियो वायरल की धमकी देकर दूसरा भी लुटता रहा
उधर किसी अज्ञात व्यक्ति ने जरिये मोबाइल नम्बर 8696880236 के राजेश कुमारी को ब्लैकमेल करना प्रारम्भ कर दिया । ट्रू कॉलर के अनुसार यह फोन किसी तरुण सेवड़ा के नाम पर है । फिलहाल इस नम्बर पर इनकमिंग सुविधा उपलब्ध नही है । राजेश कुमारी ने अपनी शिकायत में उल्लेख किया कि उपरोक्त मोबाइल का धारक व्यक्ति फोन कर धमकी दे रहा है कि उसके पास कुछ अश्लील फोटो है । ये फोटो उसने व्हाट्सएप्प के माध्यम से राजेश कुमारी को भी भेजे ।
शिकायत में कहा गया कि फोनकर्ता ने राजेश कुमारी को धमकी दी है कि उसे दस लाख रुपये नही मिले तो वह सोशल साइट्स पर डालकर बदनाम कर देगा । राजेश कुमारी ने अंदेशा व्यक्त किया है कि धमकी देने वाले को मेरा फोन नम्बर उसके एक रिश्तेदार रामनिवास सूंड (97720 53457) ने उपलब्ध कराए है । शिकायत के मुताबिक तीन और नम्बरो से भी व्हाट्सएप्प भेजे गए । ये तीनो नम्बर किसी कम्पनी के हो सकते है ।
लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों पर भी हो कार्रवाई
कालवाड़ पुलिस द्वारा धारा 384 और 120 बी के अंतर्गत 30 जुलाई, 21 को मुकदमा नम्बर 227/21 दर्ज कर लिया । सवाल यह उतपन्न होता है कि क्या कालवाड़ पुलिस ने राजेश कुमारी द्वारा दर्ज मुकदमे के संदर्भ में वे अश्लील फोटो हासिल किए जिसका उल्लेख शिकायत में था । यदि नही तो क्यो और बरामद किए तो उसने पोक्सो एक्ट में हीरालाल सैनी और राजेश कुमारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज क्यों नही किया ?
कालवाड़ पुलिस ने फोन के जरिये धमकी देने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार करने के संदर्भ क्या कार्रवाई की ? सवाल यह भी उत्पन्न होता है कि खेमाराम की शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज क्यों नही किया गया ? कालवाड़ पुलिस की निष्क्रियता से रुष्ट होकर ही खेमाराम ने नागौर एसपी को शिकायत की थी । यह भी गौर करने वाली बात है कि राजेश कुमारी विवाहित होते हुए भी पति के नाम के बजाय पिता का नाम बयान में दर्ज करवाया ।
शादीशुदा होने के बावजूद पति का नाम नहीं लिखाया
पुलिस ने राजेश कुमारी से यह क्यों नही पूछा कि उसके पति का नाम क्या है और विवाहित होते हुए भी उसका नाम का उल्लेख क्यों नही ? दरअसल कालवाड़ पुलिस सारा कांड जानते हुए भी आखिर तक पर्दा डालती रही । उसने जब तक वीडियो वायरल नही हुआ, तब तक उच्चाधिकारियों को पूरे प्रकरण से अवगत नही कराया । बहरहाल दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करना वांछनीय होगा ।